नई दिल्ली* – केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाल ही में 15 मिनट में नजर बढ़ाने का दावा करने वाले आई ड्रॉप के निर्माण और बिक्री पर रोक लगा दी है। यह निर्णय मुंबई की एक कंपनी द्वारा आई ड्रॉप के प्रचार के कारण लिया गया है, जिसमें कंपनी ने इस उत्पाद को प्रेसबायोपिया से पीड़ित लोगों के लिए चश्मा हटाने का विकल्प बताया था।
**नए नियमों का उल्लंघन और आदेश की वजह**
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने न्यू ड्रग्स एंड क्लिनिकल ट्रायल रूल्स, 2019 के तहत कंपनी द्वारा किए गए दावों को नियमों का उल्लंघन मानते हुए दवा की बिक्री पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। भारत के औषधि महानियंत्रक के आदेश में कहा गया है कि कंपनी ने सेंट्रल लाइसेंसिंग अथॉरिटी से कोई मंजूरी प्राप्त नहीं की थी।
**आई ड्रॉप के दावे और बाजार में हंगामा**
कंपनी ने दावा किया था कि उसका आई ड्रॉप 15 मिनट के भीतर दृष्टि को सुधार सकता है और यह देश का पहला ऐसा उत्पाद है जो प्रेसबायोपिया से पीड़ित लोगों को चश्मे की निर्भरता से मुक्ति दिला सकता है। इस दावे के चलते आई ड्रॉप के प्रति लोगों में उत्सुकता देखी गई और मीडिया तथा सोशल मीडिया में इसकी चर्चा तेज हो गई।
**स्वास्थ्य मंत्रालय की कार्रवाई**
केंद्र द्वारा आदेश जारी होने के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि कंपनी को इस प्रकार के प्रचार और दावे करने का अधिकार नहीं था। यह कदम स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा दवा की सुरक्षा और प्रभावशीलता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
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