लखनऊ । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के लखनऊ स्थित सरकारी आवास पर उन्नाव की एक दलित महिला अंजली ने पेट्रोल डालकर आत्महत्या का प्रयास किया। घटना में अंजली बुरी तरह झुलस गई और उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
यह घटना उत्तर प्रदेश में गरीबों और वंचित वर्गों की सुनवाई के अभाव को उजागर करती है। प्रदेश में गरीबों की समस्याओं को नजरअंदाज किए जाने की वजह से यह मामला सामने आया है। अंजली की इस हताशापूर्ण कदम से प्रदेश में गरीबों की स्थिति और सरकारी व्यवस्था की कमियों पर सवाल उठ रहे हैं।
**मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सरकारी व्यवस्था पर सवाल**
इस गंभीर घटना ने प्रदेश में सरकारी तंत्र और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नीतियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। गरीबों और दलितों की समस्याओं को अनसुना किया जाना और उनकी जायज मांगों की अनदेखी करना एक गंभीर समस्या बन गई है। अंजली के आत्महत्या के प्रयास ने राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था और सामाजिक सुरक्षा के तंत्र की कमजोरियों को उजागर किया है।
**उन्नाव की घटना से उठे सवाल**
इस घटना ने प्रदेश में गरीबों और दलितों के प्रति सरकार की उदासीनता को दर्शाया है। क्या प्रदेश की सरकार वंचित वर्गों की समस्याओं को सही तरीके से सुन रही है? अंजली की यह घटना इस सवाल को और भी प्रबल बना रही है।
**अंजली की स्थिति और आगे की कार्रवाई**
फिलहाल अंजली का इलाज जारी है और उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है। इस घटना की जांच की जा रही है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पर तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
इस घटना ने प्रदेश में गरीबों और दलितों की स्थिति को लेकर नए सिरे से बहस छेड़ दी है। देखना होगा कि सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है और गरीबों की समस्याओं का समाधान कैसे किया जाता है।
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