केरल के एर्नाकुलम जिले में मुनम्बम के 404 एकड़ जमीन पर वक्फ बोर्ड ने दावा किया है। इस जमीन पर 610 परिवार रहते हैं, जिनमें 510 ईसाई और 100 हिंदू परिवार शामिल हैं। ये परिवार पिछले 60 साल से इस जमीन को लेकर कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं।
जमीन का विवाद कैसे शुरू हुआ?
स्थानीय निवासियों के अनुसार, उन्होंने यह जमीन फारूक कॉलेज मैनेजमेंट से खरीदी थी। 2019 में वक्फ बोर्ड ने इसे अपनी संपत्ति के तौर पर रजिस्टर कर लिया और अब निवासियों को बेदखल करने की मांग कर रहा है।
रेवेन्यू डिपार्टमेंट ने 2022 में स्पष्ट कर दिया कि इस जमीन पर टैक्स भरने या इसे बेचने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
निवासियों का संघर्ष: मछुआरा समुदाय के लोग, जिन्होंने सालों की मेहनत से यह जमीन खरीदी थी, अब घर से बेदखली के डर में जी रहे हैं।
कानूनी स्थिति: केरल हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने निवासियों के पक्ष में फैसला दिया, लेकिन डिवीजन बेंच ने इस पर रोक लगा दी।
नए वक्फ (संशोधन) बिल, 2024 की अहमियत
मुनम्बम के लोग केंद्र सरकार के नए वक्फ (अमेंडमेंट) बिल, 2024 को पास कराने के लिए प्रार्थना सभाएं कर रहे हैं। उनका कहना है कि मौजूदा वक्फ एक्ट के कारण वे वक्फ बोर्ड के दावे को चुनौती नहीं दे पा रहे हैं।
नए बिल से उम्मीद:
यह बिल पास होने के बाद वक्फ बोर्ड किसी भी गैर-मुस्लिम समुदाय की जमीन पर दावा नहीं कर सकेगा।
वर्तमान में ऐसे मामलों में सिविल कोर्ट की बजाय वक्फ ट्रिब्यूनल को निर्णय का अधिकार है।
निवासियों की कहानी
मुनम्बम प्रॉपर्टी को कभी रहने लायक नहीं माना जाता था।
68 वर्षीय ओमाना यायी ने बताया, “यह जगह पानी से भरी हुई थी। हमने मछली पकड़ते हुए रातों में सिर पर रेत लाकर इसे रहने लायक बनाया। तब वक्फ कहां था?”
सिसिली एंटनी (65 वर्ष): “हमने दिन-रात मेहनत कर यह जमीन खरीदी। अब वक्फ का दावा हमारी मेहनत पर सवाल खड़ा कर रहा है।”
अंबुजाक्शन (56 वर्ष): “पिछले ढाई साल से चैन की नींद नहीं आई। घर खोने का डर हर पल सता रहा है।”
केरल हाईकोर्ट और वक्फ ट्रिब्यूनल में मामला
जून 2024: 8 निवासियों ने केरल हाईकोर्ट में याचिका दायर की।
1 नवंबर 2024: हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से जवाब मांगा।
6 दिसंबर: वक्फ ट्रिब्यूनल में सुनवाई टली।
मुख्यमंत्री का आश्वासन
23 नवंबर को मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने वक्फ बोर्ड के साथ बैठक में कहा कि “दस्तावेज रखने वाले निवासियों को बेदखल नहीं किया जाएगा।”
सियासी विवाद
केरल विधानसभा ने 14 अक्टूबर को केंद्र के वक्फ (संशोधन) बिल के खिलाफ सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया।
सत्तारूढ़ LDF और विपक्षी UDF: दोनों ने इसे राज्यों और वक्फ बोर्डों के अधिकारों पर हमला बताया।