नई दिल्ली: भारतीय नागरिकों को नकली पुलिस और सरकारी एजेंसियों के नाम पर होने वाली साइबर धोखाधड़ी से सावधान रहने की जरूरत है। राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) पर ऐसे धोखेबाजों के खिलाफ बढ़ती शिकायतों के चलते यह चेतावनी जारी की गई है। इन अपराधियों द्वारा पुलिस, नारकोटिक्स विभाग, CBI, RBI और अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों का रूप धारण कर नागरिकों को धमकी, ब्लैकमेल और “डिजिटल अरेस्ट” के नाम पर जबरन वसूली की जा रही है।
इन धोखेबाजों का आम तरीका यह है कि वे पीड़ितों को कॉल करके बताते हैं कि उन्होंने कोई पार्सल भेजा या प्राप्त किया है जिसमें अवैध सामान या ड्रग्स हैं। कभी-कभी वे यह भी दावा करते हैं कि पीड़ित का कोई परिचित अपराध में शामिल है और उन्हें छुड़ाने के लिए पैसे की मांग की जाती है। इस तरह के फर्जी “केस” में समझौता करने के लिए धनराशि की मांग की जाती है।
इस प्रकार की धोखाधड़ी से बचने के लिए, भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) ने माइक्रोसॉफ्ट के सहयोग से 1,000 से अधिक स्काइप आईडी और अन्य संचार उपकरणों को ब्लॉक किया है। I4C ने सोशल मीडिया पर ‘Cyberdost’ के माध्यम से जागरुकता फैलाने के लिए इन्फोग्राफिक्स और वीडियो भी जारी किए हैं।
नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे इस प्रकार की धोखाधड़ी से सावधान रहें और ऐसी कॉल आने पर तत्काल साइबरक्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें या www.cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें।