Wing Commander Ashish Vardhan: A unique story of courage in the midst of war, saved the lives of 200 Indians despite 11 bullets. विंग कमांडर आशीष वर्धन: युद्ध के बीच साहस की अनोखी गाथा, 11 गोलियों के बावजूद बचाई 200 भारतीयों की जान

Wing Commander Ashish Vardhan: A unique story of courage in the midst of war, saved the lives of 200 Indians despite 11 bullets. विंग कमांडर आशीष वर्धन: युद्ध के बीच साहस की अनोखी गाथा, 11 गोलियों के बावजूद बचाई 200 भारतीयों की जान
Wing Commander Ashish Vardhan: A unique story of courage in the midst of war, saved the lives of 200 Indians despite 11 bullets. भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर आशीष वर्धन ने अपने अदम्य साहस और जीवटता से इतिहास रच दिया है। यूक्रेन युद्ध की विभीषिका के बीच उन्होंने न सिर्फ 200 भारतीय विद्यार्थियों को सुरक्षित भारत वापस लाया, बल्कि खुद 11 गोलियां झेलते हुए भी हार नहीं मानी।

1994 में की थी सर्विस की शुरुआत

विंग कमांडर आशीष वर्धन ने 1994 में भारतीय वायुसेना में अपनी सेवा की शुरुआत की थी। अपने 30 वर्षों के गौरवशाली कार्यकाल में उन्होंने कई साहसिक अभियानों को अंजाम दिया।

यूक्रेन युद्ध: 11 गोलियों के बावजूद साहस नहीं हारा

आशीष वर्धन हाल ही में यूक्रेन से लौटे हैं, जहां वे युद्ध के बीच फंसे भारतीय विद्यार्थियों को निकालने के अभियान का हिस्सा बने। इस दौरान उन्हें 11 गोलियां लगीं। लेकिन अद्भुत साहस का परिचय देते हुए उन्होंने खुद ही अपनी गोलियां निकालीं और विद्यार्थियों को सुरक्षित निकालने का काम जारी रखा।
उन्होंने बताया, “शरीर में गोलियां एक घंटे से ज्यादा नहीं रहनी चाहिए, वरना पूरे शरीर में जहर फैल सकता है। हमें यह प्रशिक्षण भारतीय वायुसेना के दौरान दिया गया है।”

चार साल कोमा और हार्ट ट्रांसप्लांट

गंभीर रूप से घायल होने के बाद विंग कमांडर आशीष वर्धन को चार साल तक कोमा में रहना पड़ा। उनका इलाज रोमानिया और रूस में हुआ, जिसमें हार्ट ट्रांसप्लांट और कृत्रिम पैर भी लगाया गया। भारत सरकार और रूसी एम्बेसी ने उनके इलाज में करोड़ों रुपए खर्च किए।

परमवीर चक्र से होंगे सम्मानित

विंग कमांडर आशीष वर्धन की वीरता और देशभक्ति के सम्मान में उन्हें आगामी 26 जनवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा परमवीर चक्र से सम्मानित किया जाएगा।

परिवार और सामाजिक योगदान

उनके बड़े भाई करगिल युद्ध में शहीद हो चुके हैं। उनकी पत्नी विजयवाड़ा में कलेक्टर के पद पर कार्यरत हैं। उनके पिताजी श्री अशोक पाटनी, आर.के. मार्बल्स के मालिक हैं। श्रीराम मंदिर के निर्माण में आर.के. मार्बल्स द्वारा निशुल्क संगमरमर उपलब्ध कराया गया है।


अमिताभ बच्चन के साथ ‘कौन बनेगा करोड़पति’ में होंगे शामिल

विंग कमांडर आशीष वर्धन जल्द ही 18 जनवरी को सोनी टीवी के प्रसिद्ध कार्यक्रम ‘कौन बनेगा करोड़पति’ में नजर आएंगे। कार्यक्रम का लाइव टेलीकास्ट अमिताभ बच्चन के साथ होगा।

विंग कमांडर की कहानी: प्रेरणा और गर्व का स्रोत

विंग कमांडर आशीष वर्धन की कहानी न केवल भारतीयों के लिए प्रेरणा है, बल्कि यह राष्ट्र के प्रति उनकी निष्ठा और वीरता का अनुपम उदाहरण भी है।

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