प्रयागराज: संतों के अखाड़े पर विवादित कार्यवाहियों के बाद, अखाड़ा परिषद् ने 112 संतों को नोटिस भेजकर उनके खिलाफ कार्रवाई की धमकी दी है। इस नोटिस के बाद, अगर 30 सितंबर तक संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है तो महाकुंभ-2025 और उज्जैन के कुंभ में उन्हें स्थान नहीं दिया जाएगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कुछ साधु-संतों ने अपने आप को भगवान का रूप मानकर आम लोगों के बीच अनयायपूर्ण कार्यवाहियों को बढ़ावा दिया है। इसके परिणामस्वरूप, अखाड़ा परिषद् के अध्यक्ष रविन्द्र पुरी महाराज ने इस तरह की क्रियाओं के खिलाफ सख्ती से उत्तरदायित्वपूर्वक कार्रवाई करने का निर्णय लिया है।
मुख्य बिंदुः:
– संतों के अखाड़े में नियमों का पालन नहीं करने की उपेक्षा के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
– महाकुंभ-2025 और उज्जैन के कुंभ में ऐसे संतों को स्थान नहीं दिया जाएगा अगर वे नोटिस के अंतिम तिथि तक संतोषजनक जवाब नहीं देते हैं।
– संतों के कार्यों में विवादास्पद घटनाओं की जांच हर दो-तीन वर्ष में की जाती है, जिसमें उनके रहन-सहन और अन्य कार्यप्रणाली की जांच भी शामिल होती है।