Opinion

मैरिटल रेप: भारत सरकार इसे अपराध क्यों नहीं बनाना चाहती?

**मैरिटल रेप क्या है?** 
मैरिटल रेप का मतलब है जब कोई पुरुष अपनी पत्नी की सहमति के बिना उसके साथ शारीरिक संबंध बनाता है। भारतीय न्याय संहिता के तहत, यह बलात्कार नहीं माना जाता है यदि पत्नी की उम्र 18 साल या उससे अधिक है।

**कानूनी स्थिति** 
भारतीय दंड संहिता में यह अपवाद लंबे समय से मौजूद है। हालांकि, कई महिला अधिकार समूह और कार्यकर्ता इस अपवाद को खत्म करने की मांग कर रहे हैं।

**महिला अधिकार समूहों की मांग** 
महिला अधिकार समूहों का कहना है कि यह प्रावधान असंवैधानिक है और महिलाओं के शरीर की स्वायत्तता और गरिमा का हनन करता है।

**सरकार का रुख** 
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफ़नामे में कहा है कि मैरिटल रेप को अपराध घोषित करने से विवाह की संस्था अस्थिर हो जाएगी और इसका दुरुपयोग हो सकता है।

**अंतरराष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य** 
मैरिटल रेप को 100 से अधिक देशों में अपराध माना जाता है, जबकि भारत उन तीन दर्जन देशों में से एक है जहां इसे अपराध नहीं माना जाता।

**सर्वेक्षण के आंकड़े** 
साल 2022 के नेशनल फ़ैमिली हेल्थ सर्वे के अनुसार, 18 से 49 साल की 82% शादीशुदा महिलाओं के साथ उनके पति यौन हिंसा करते हैं।

**अदालती स्थिति** 
दिल्ली हाई कोर्ट में इस मुद्दे पर बहस हुई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में अभी इस पर निर्णय लंबित है।

**निष्कर्ष** 
मैरिटल रेप को अपराध घोषित करने की मांग और इसके खिलाफ तर्क दोनों ही महत्वपूर्ण हैं। अब देखना यह है कि सुप्रीम कोर्ट इस पर क्या निर्णय लेता है।

इस विषय पर आपकी क्या राय है?

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