Opinion

शिक्षक दिवस पर विशेष: शिक्षा, कला और समाज सेवा में समर्पित शिक्षिका सुश्री शेफाली चतुर्वेदी

उज्जैन: शिक्षा, कला, और समाज सेवा में उत्कृष्ट योगदान देने वाली शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, माधव नगर उज्जैन की शिक्षिका सुश्री शेफाली चतुर्वेदी ने शिक्षा के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। अंग्रेजी जैसे जटिल विषय को विभिन्न सह-शैक्षिक गतिविधियों और संगीत के साथ शिक्षण में नवाचार का प्रयोग कर सुश्री शेफाली ने विद्यार्थियों के लिए शिक्षा को रोचक और प्रभावी बनाया है।

पिछले पांच वर्षों से अंग्रेजी विषय में सतत् 100% परिणाम दिलाने में उनकी भूमिका सराहनीय रही है। ग्वालियर के राजा मानसिंह तोमर संगीत विश्वविद्यालय से “भारतीय कंठ संगीत” में एम.ए. की उपाधि प्राप्त कर, उन्होंने विद्यार्थियों को संगीत कला में प्रशिक्षित करने का कार्य भी किया है। उनकी प्रेरणा से बालरंग कला उत्सव, कालिदास समारोह, और अनुगूँज जैसे कार्यक्रमों में राज्य स्तर पर विद्यार्थियों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है।

राष्ट्रीय सेवा योजना के महिला इकाई की कार्यक्रम अधिकारी के रूप में सुश्री शेफाली ने पर्यावरण संरक्षण, जन स्वच्छता, महिला सशक्तिकरण, और मतदाता जागरूकता में उल्लेखनीय योगदान दिया है। कोरोना काल में उनकी सेवा के लिए विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा उन्हें “कोरोना योद्धा सम्मान” से नवाजा गया। इसके अलावा, उन्हें सरकार द्वारा “प्राणवायु अवार्ड” और दैनिक पत्रिका द्वारा “नारी शक्ति अवार्ड” से भी सम्मानित किया गया है।

“एक पेड़ माँ के नाम” अभियान के तहत उन्होंने विद्यालय परिसर में फलदार और औषधीय पौधों का रोपण कर विद्यार्थियों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक किया। राज्य शैक्षिक प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान भोपाल द्वारा संचालित ब्रिटिश काउंसिल के मास्टर ट्रेनर के रूप में, उन्होंने शिक्षकों को अंग्रेजी शिक्षण की नवीनतम तकनीकों का प्रशिक्षण भी प्रदान किया है।

सुश्री शेफाली शिक्षा में कला के समावेश से विद्यार्थियों के संज्ञानात्मक, भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उनका उद्देश्य शिक्षण, गायन, और समाज सेवा में नवाचार के माध्यम से विद्यालय और समाज में सकारात्मक बदलाव लाना है।

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