अखिल भारतीय कला मंदिर संस्था का “रस-रंग” होली उत्सव शानदार तरीके से संपन्न

भोपाल : अखिल भारतीय कला मंदिर संस्था द्वारा “रस-रंग” होली उत्सव का भव्य आयोजन 16 मार्च 2025 को किया गया, जिसमें संगीत, काव्य और रंगों की अनूठी छटा देखने को मिली। इस आयोजन में सनातन परंपरा और होली के सांस्कृतिक महत्व पर चर्चा के साथ ही रंगारंग प्रस्तुतियां दी गईं।

समारोह के प्रमुख अतिथि:

मुख्य अतिथि: विधायक भगवानदास सबनानी ने कहा कि “होली का त्योहार समाज में समरसता और उल्लास का प्रतीक है।” विशिष्ट अतिथि: विष्णु राजोरिया (अध्यक्ष, मध्यप्रदेश परशुराम कल्याण बोर्ड) ने फागुन मास के महत्व और पौराणिक आख्यानों पर प्रकाश डाला। अध्यक्षता: डॉ. गौरीशंकर शर्मा ‘गौरीश’ (राष्ट्रीय अध्यक्ष, कला मंदिर) ने की। अन्य विशिष्ट अतिथि: वृक्षमित्र सुनील दुबे, कार्यकारी अध्यक्ष हरिवल्लभ शर्मा ‘हरि’, उपाध्यक्ष डा॰ वंदना मिश्र सहित कई साहित्यकार एवं कलाकार उपस्थित रहे।

कार्यक्रम की प्रमुख झलकियालाल कलामंदिर की नई कार्यकारिणी की शपथ ग्रहण विधि संपन्न हुई। अतिथियों का स्वागत एवं मां सरस्वती की वंदना के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। लोकगायकों और साहित्यकारों ने होली गीतों और रसिया से समां बांधा। डॉ. गौरीशंकर शर्मा ‘गौरीश’ ने ‘मंदिर में होली खेलें रसिया कलामंदिर में’ गीत प्रस्तुत कर रस बरसाया।  विभिन्न कलाकारों ने ब्रज, बुंदेली, और शिव भक्ति से जुड़े होली गीतों की प्रस्तुति दी।

प्रमुख प्रस्तुतियां:

खुशी विजयवर्गीय – सरस्वती वंदना एवं होली गीत
डॉ. सुधा दुबे, मंजु श्रोती – ‘चंदन की खुशबू फूलों का हार’
सुनीता तिवारी, उमा रावत, स्मिता सराठे – ‘घर से गई थी भरन पानी रंग डारो सांवरिया’
L आशा श्रीवास्तव, मंजुला श्रीवास्तव, प्रभा रावत – ‘मैंने भंगिया उठाई भोलेनाथ तनक सी तुम पी लो डॉ. नीता खरे, महिमा वर्मा – ब्रज की होली और भोलेनाथ की फाग सुषमा श्रीवास्तव, गीता श्रीवास्तव, पूनम खरे – ‘आयो फागुन मास, आई होली’ रजनी वर्मा, अल्का शुक्ला, रेखा वर्मा – ‘वृंदावन में होली’ पुष्प लता शर्मा और साथी – ‘फागुन के महीना रंगीले’ डॉ. वंदना मिश्र, नीता खरे, महिमा वर्मा – ‘समरसता के रंग’ (स्वरचित गीत) अ.भा. कला मंदिर की जया शर्मा केतकी – सुंदर गीत प्रस्तुति

सफल आयोजन एवं संचालन:
कार्यक्रम का संचालन विमल भंडारी और जया केतकी ने उत्कृष्ट रूप से किया। यह भव्य आयोजन विश्व संवाद केंद्र, शिवाजी नगर, भोपाल में संपन्न हुआ। बड़ी संख्या में साहित्य एवं कला प्रेमी बंधुओं की उपस्थिति रही।

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