भोपाल। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता और पूर्व विधायक शैलेन्द्र पटेल ने भाजपा पर गाय के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाया है। उन्होंने सवाल किया कि प्रदेश भर में बारिश के मौसम में सड़कों पर गायों के झुंड बैठे रहते हैं, लेकिन सरकार गायों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम क्यों नहीं उठाती। 20 सालों से भाजपा की सरकार है, लेकिन गौशाला खोलने के नाम पर केवल खोखली और कागजी खानापूर्ति की जा रही है।
श्री पटेल ने कहा कि इतने लंबे समय से भाजपा की सरकार है, लेकिन प्रदेश में एक भी नई गौशाला नहीं खोली गई। जो गौशालाएं थीं, उन्हें उल्टा बंद कर दिया गया। भाजपा समर्थित नेताओं द्वारा गौशालाओं में हजारों गायों की हत्या के मामले सामने आए हैं, और सैकड़ों की संख्या में कंकाल मिले, जिन्हें गड्डे में गाढ़ दिया गया।
श्री पटेल ने कहा कि सड़कों पर बैठने वाले मवेशियों की घटनाओं को रोकने के लिए 15 महीनों की कमलनाथ सरकार ने 1000 गौशालाओं का निर्माण कराया था। उन्होंने प्रदेश के पशुपालन मंत्री से पूछा कि पिछले चार साल में भाजपा ने कितनी गौशालाएं बनाईं।
आज स्थिति यह है कि बारिश के मौसम में भी गायें सड़कों पर हैं, क्योंकि किसानों को दूध के उचित दाम नहीं मिल रहे हैं। सरकार ने 10 गौ अभ्यारण खोलने की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक केवल एक अभयारण आगर जिले के सिलरिया में 472 हेक्टेयर भूमि पर बनाया गया है। उसमें भी 6000 गायों की क्षमता के बावजूद केवल 3200 गायें ही रखी गई हैं, यानी क्षमता के अनुपात को दरकिनार कर महज खानापूर्ति की गई है।
श्री पटेल ने कहा कि किसानों को दूध पर 5 प्रतिशत बोनस के नाम पर भी ठगा गया है, जिसमें सहकारी समितियों से जुड़े 15 प्रतिशत किसानों को ही बोनस का लाभ मिलेगा, बाकी 85 प्रतिशत किसानों के साथ दुर्भावना क्यों? सरकार की मनमानी से दुग्ध उत्पादक किसानों की दुर्दशा हो रही है। पूर्व में दुग्ध संघ के चुनाव होते थे, जिससे दुग्ध उत्पादक भी अच्छी स्थिति में थे और किसानों को उचित दाम भी मिलते थे। लेकिन सरकार भोपाल दुग्ध संघ के चुनाव क्यों नहीं करा रही है? इसके पीछे किस कंपनी को लाभ पहुंचाने की सरकार की मंशा है?
श्री पटेल ने भाजपा से अपील की कि वह गाय के नाम पर राजनीति करना बंद करे और दुग्ध उत्पादक किसानों के साथ भेदभाव करना बंद करे। गायों की सुरक्षा के लिए शीघ्र ही गौशालाओं का निर्माण कराए सरकार।
**मुख्य बिंदु:**
– **गाय की राजनीति:** भाजपा पर गाय के नाम पर राजनीति करने का आरोप।
– **गौशालाओं की स्थिति:** प्रदेश में एक भी नई गौशाला नहीं खोली गई, जबकि पुरानी गौशालाएं बंद की गईं।
– **किसानों की समस्याएं:** किसानों को दूध के उचित दाम नहीं मिल रहे और 5 प्रतिशत बोनस के नाम पर ठगा गया।
– **दुग्ध संघ के चुनाव:** सरकार दुग्ध संघ के चुनाव नहीं करा रही, जिससे दुग्ध उत्पादकों को नुकसान हो रहा है।
– **अपील:** भाजपा से गाय के नाम पर राजनीति बंद करने और गौशालाओं का निर्माण कराने की अपील।