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चुनावी जीत पर ‘राजनीतिक जलेबीबाजी’ का जलवा, हलवाइयों की हुई चांदी

नई दिल्ली। चुनावी परिणाम आने के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने जीत का जश्न कुछ खास अंदाज में मनाया। हर पार्टी कार्यालय से लेकर गली-मोहल्ले तक जश्न का माहौल रहा और इस बार जश्न की मिठास जलेबियों में नजर आई। भाजपा से जुड़े नेताओं, सांसदों, मंत्रियों और कार्यकर्ताओं ने जीत की खुशी में जमकर जलेबियां बांटी और एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर जीत का जश्न मनाया।

चुनावी मौसम में ‘सियासी जलेबी’ का रंग देखते ही बनता था, और जैसे ही परिणाम भाजपा के पक्ष में आए, हर भाजपा कार्यालय पर जलेबियों की भट्टी धधक उठी। खास बात यह रही कि जिस नेता को ‘शुगर’ की बीमारी भी थी, उन्होंने भी अपने ‘आका’ की खुशी के लिए जलेबियों का स्वाद चखा और कैमरे के सामने तस्वीरें खिंचवाईं।

हलवाइयों की हुई ‘चाशनी वाली’ बल्ले-बल्ले

इस जलेबी जश्न का सबसे बड़ा फायदा हलवाइयों को हुआ, जिन्होंने सुबह से ही भट्टी सुलगा रखी थी। जैसे-जैसे चुनावी परिणाम आते गए, वैसे-वैसे जलेबियों की मांग बढ़ती गई। नतीजतन, हर हलवाई की दुकान पर जलेबियों की भट्टी देर रात तक गर्म रही। भाजपा कार्यकर्ताओं की भीड़ ने सुबह से ही जलेबियां थोक में खरीदीं, और दिनभर भाजपा कार्यालयों पर जलेबियां बनती और बंटती रहीं।

हलवाइयों का कहना है कि चुनावी नतीजों के इस जश्न ने उन्हें खूब मुनाफा दिलाया। भले ही दिनभर हाथों में दर्द और थकान महसूस हुई, लेकिन ‘धन’ के आगे ये सब बोना साबित हुआ। भाजपा की जीत का जश्न देखते हुए हर हलवाई के चेहरे पर मुस्कान थी, क्योंकि इस ‘सियासी जलेबी’ की ‘चाशनी’ में उनकी खूब बल्ले-बल्ले हुई।

जलेबी के जलवे अभी जारी

अब देखना यह होगा कि इस ‘राजनीतिक जलेबी’ का असर कब तक बना रहता है और जलेबियों की यह मिठास भाजपा के कार्यकर्ताओं को कितने दिनों तक ‘पचती’ है। फिलहाल तो भाजपा के हर कार्यालय में ‘जलवे हैं जलेबी के’ और हलवाइयों की कमाई भी ‘मिठास’ से भरी हुई है।

इस चुनावी जश्न में हलवाइयों ने जितना माल कूटा, उतना शायद त्योहारों में भी नहीं कूट पाए होंगे। ऐसे में इस बार की चुनावी जीत ने न केवल भाजपा कार्यकर्ताओं का मन खुश किया बल्कि हलवाइयों की भी चांदी कर दी।

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