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गोपाल भार्गव की प्रतिक्रिया पर के.के. मिश्रा का समर्थन, कहा- “स्वाभिमान की रक्षा करना ही सच्ची राजनीति है”

भोपाल: मध्यप्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के.के. मिश्रा ने भाजपा नेता और पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव की हाल ही में सामने आई प्रतिक्रिया पर खुलकर समर्थन व्यक्त किया है। मिश्रा ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर गोपाल भार्गव की साहसिक प्रतिक्रिया की सराहना करते हुए कहा कि वह हमेशा से गोपाल भार्गव के स्पष्टवादी और निर्भीक स्वभाव के प्रशंसक रहे हैं।

गोपाल भार्गव की ‘रामराज्य’ पर की गई टिप्पणी की तारीफ

के.के. मिश्रा ने गोपाल भार्गव द्वारा मध्यप्रदेश के वर्तमान राजनीतिक माहौल और रामराज्य की परिभाषा पर किए गए बयान को बेहद सटीक बताया। मिश्रा ने लिखा, “पंडित जी (गोपाल भार्गव) ने प्रदेश के तथाकथित ‘अमृतलाल’ और ‘रामराज्य’ को जो आईना दिखाया है, वह काबिल-ए-तारीफ है। यह सिर्फ राजनीति में बने रहने के लिए नहीं, बल्कि स्वाभिमान के साथ जीने का संदेश देता है।”

“राजनीति में स्वाभिमान का होना जरूरी है”

के.के. मिश्रा ने अपनी पोस्ट में यह भी कहा, “सिर्फ़ राजनीति में बने रहने के लिए मानसिक गुलामों और चापलूसों की फौज में शामिल होना स्वाभिमान को नीलाम कर देने के बराबर है। अगर जिंदा रहना है, तो जिंदा नजर आना चाहिए। पद पाने और उसे बचाने के लिए स्वाभिमान को गिरवी रखने वालों से बेहतर है मर जाना।”

“पंडित जी, आपका साहस प्रशंसा योग्य है”

के.के. मिश्रा ने गोपाल भार्गव के साहसी और स्पष्टवादी व्यक्तित्व की प्रशंसा करते हुए उन्हें सादर प्रणाम किया और कहा कि राजनीति में ऐसे निर्भीक नेताओं की आवश्यकता है जो सच बोलने का साहस रखते हैं। उन्होंने गोपाल भार्गव को ‘साहसी नेता’ का तमगा देते हुए लिखा, “आपकी जीवंतता और साहस को सादर नमन।”


> के.के. मिश्रा की इस प्रतिक्रिया ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है, जहां एक कांग्रेस नेता द्वारा भाजपा के वरिष्ठ नेता का इस तरह खुलकर समर्थन करना कई सवाल खड़े कर रहा है।

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