नई दिल्ली। पूर्व भारतीय क्रिकेटर और चयनकर्ता जतिन परांजपे का मानना है कि युवा बल्लेबाज सरफराज खान को भारतीय टेस्ट टीम में अपना अवसर मिलने का इंतजार करना होगा। परांजपे ने कहा कि सरफराज को अब तक सिर्फ तभी मौका मिला, जब टीम के मुख्य खिलाड़ी चोटिल थे। हालांकि, इस साल इंग्लैंड के खिलाफ शानदार डेब्यू टेस्ट सीरीज के बावजूद उन्हें टीम की अंतिम ग्यारह में जगह नहीं मिल पाई है।
बांग्लादेश के खिलाफ राहुल को तरजीह
भारत ने बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट सीरीज में सरफराज की जगह केएल राहुल को मौका दिया और सरफराज को ईरानी कप में खेलने के लिए भेज दिया गया, जहां उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए दोहरा शतक लगाया। हालांकि, राहुल ने भी दोनों टेस्ट मैचों में अहम पारियां खेलीं, जिसके चलते टीम में किसी बदलाव की जरूरत नहीं पड़ी।
न्यूजीलैंड सीरीज में क्या मिलेगा मौका?
अब केएल राहुल और सरफराज दोनों ही न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए भारतीय टीम का हिस्सा हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या सरफराज को इस सीरीज में प्लेइंग इलेवन में शामिल होने का अवसर मिलता है। परांजपे का मानना है कि सरफराज को धैर्य के साथ अपने मौके का इंतजार करना चाहिए।
परांजपे ने कहा, “सरफराज की स्थिति में कोई समस्या नहीं है। वह तब खेला जब अन्य खिलाड़ी चोटिल थे। टीम में प्रतिस्पर्धा काफी अधिक है, इसलिए कभी-कभी अच्छे खिलाड़ी भी बाहर बैठने को मजबूर होते हैं। सरफराज को निरंतर रन बनाने और फिटनेस बनाए रखने की जरूरत है, ताकि जब मौका मिले, वह तैयार रहें।”
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में रिजर्व खिलाड़ी के रूप में चयन संभव
परांजपे ने यह भी सुझाव दिया कि सरफराज को आगामी बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के लिए रिजर्व खिलाड़ी के तौर पर ऑस्ट्रेलिया ले जाया जा सकता है। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ 11 खिलाड़ियों का खेल है और सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों का चयन होता है। सरफराज की काबिलियत पर कोई सवाल नहीं है, लेकिन फिलहाल हर स्थान के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा है, इसलिए उन्हें मौके नहीं मिल रहे हैं।”
भारत और न्यूजीलैंड के बीच तीन टेस्ट मैचों की सीरीज की शुरुआत 16 अक्टूबर से बेंगलुरु में होगी। ऐसे में देखना होगा कि सरफराज अपने प्रदर्शन से टीम प्रबंधन का भरोसा जीत पाते हैं या नहीं।