पेरिस । विनेश फोगाट ने अचानक संन्यास की घोषणा कर दी है, जिसके दूरगामी परिणाम हो सकते हैं। खेल जगत की प्रमुख हस्तियाँ, जैसे PT उषा और गगन नारंग, पेरिस में उनके साथ हैं। इस महत्वपूर्ण फैसले से पहले उन्हें वरिष्ठों से विचार-विमर्श करना चाहिए था।
विनेश को अपने चाचा महावीर फोगाट से बात करनी चाहिए थी, जो कभी हार न मानने वाले जज्बे का बड़ा उदाहरण हैं। ‘दंगल’ फिल्म में भी दिखाया गया है कि फोगाट परिवार हार मानने वालों में से नहीं है। हड़बड़ी में लिया गया यह निर्णय पारिवारिक परंपरा के विपरीत है। बेहतर होता कि विनेश अगले ओलंपिक के लिए राजनीति से दूर रहकर तैयारी करतीं और वहां जीत हासिल करने के बाद शान से संन्यास की घोषणा करतीं।
वर्तमान स्थिति में, उनके संन्यास का नाजायज फायदा उठाने की कोशिश की जा रही है। हरियाणा के व्हाट्सएप ग्रुप्स में यह अफवाह फैलाई जा रही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह सब करवाया है। लेकिन यह समझना महत्वपूर्ण है कि 150 करोड़ लोगों के देश का प्रधानमंत्री किसी कुश्ती खिलाड़ी को हराने की साजिश नहीं रचेगा। विनेश को अयोग्य घोषित किए जाने के तुरंत बाद पीएम मोदी ने उन्हें देश के लिए गर्व और प्रेरणा बताया और पीटी उषा को IOC के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराने के लिए कहा।
संसद में, IOC के फैसले को लेकर I.N.D.I. गठबंधन के नेताओं ने वॉकआउट किया, जिसका नेतृत्व हरियाणा से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला कर रहे थे। हरियाणा में चुनाव से पहले इस मुद्दे को भुनाया जाएगा। ‘भाजपा आरक्षण हटा देगी’ वाली अफवाह 2024 के लोकसभा चुनाव में भी फैलाई गई थी, और अब विपक्ष समझ गया है कि कैसे झूठ पर सवार होकर चुनाव जीते जाते हैं।
विनेश फोगाट के संन्यास के बाद यह कहा जा रहा है कि वे ‘सिस्टम’ से हार गईं। यहाँ ‘सिस्टम’ का इशारा प्रधानमंत्री मोदी की तरफ है। IOA में नीता अंबानी का होना हमारे लिए गर्व की बात है, लेकिन उन्हें भी निशाना बनाया जा रहा है, जबकि वे RFYS के जरिए देश के हजारों युवा खेल प्रतिभाओं को तराश रही हैं। लेकिन, जमीनी स्तर पर यह सब बताना कठिन है। वहाँ वही चलेगा, जो झूठ कांग्रेस फैलाएगी।