भोपाल । आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की परिकल्पना को साकार करने के उद्देश्य से आज मंत्रालय में कौशल विकास पर आधारित एक वृहद कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में 32 विभागों ने अपने कौशल विकास और प्रशिक्षण कार्यक्रमों का प्रस्तुतीकरण किया।
कार्यशाला का उद्देश्य
यह कार्यशाला राज्य को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभागीय योजनाओं के समन्वय और नवाचारों पर चर्चा करने का एक मजबूत प्रयास है। औद्योगिक नीति, महिला एवं बाल विकास, कृषि और अन्य विभागों ने अपनी योजनाओं की प्रगति और उपलब्धियों को साझा किया।
युवाओं के लिए अवसरों का विस्तार
कार्यशाला में यह चर्चा की गई कि कैसे राज्य के युवाओं के हुनर को निखारकर उन्हें वैश्विक अवसरों के लिए तैयार किया जा सकता है। प्रशिक्षण योजनाएं न केवल रोजगार के नए अवसर प्रदान करेंगी बल्कि राज्य की आर्थिक स्थिति को भी सुदृढ़ बनाएंगी।
कार्यशाला के मुख्य बिंदु
32 विभागों का सहभाग: सभी विभागों ने अपने कौशल विकास कार्यक्रमों का विवरण प्रस्तुत किया।
समन्वय और नवाचार: विभिन्न योजनाओं के बीच तालमेल और नए विचारों पर जोर।
आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम: कार्यशाला का उद्देश्य राज्य को आत्मनिर्भर बनाना है।
युवाओं के लिए वैश्विक मंच: कार्यक्रम के तहत युवाओं को वैश्विक अवसरों के लिए तैयार किया जाएगा।
विशेष योजनाओं का उल्लेख
महिला एवं बाल विकास विभाग ने महिलाओं को सशक्त बनाने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर प्रकाश डाला, जबकि कृषि विभाग ने किसानों के लिए नई तकनीकों और कौशल प्रशिक्षण का उल्लेख किया।