भोपाल । मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद, योजना आर्थिक एवं सांख्यकीय विभाग के अधिकारी और कर्मचारी अब तक 7वें वेतनमान के इंतजार में हैं। सेमी गवर्नमेंट एम्प्लॉय फेडरेशन के प्रांतीय अध्यक्ष अनिल वाजपेयी ने मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से कर्मचारियों को 7वें वेतनमान का लाभ शीघ्र देने की मांग की।
समस्या और मांगें:
2007-08 से संविदा पर भर्ती अधिकारी-कर्मचारियों को 2018 में भर्ती सेवा नियम के तहत नियमित किया गया, लेकिन आज तक 7वां वेतनमान लागू नहीं हुआ।
परिवीक्षा अवधि में बढ़े महंगाई भत्ते का एरियर भी अब तक नहीं दिया गया।
जन अभियान परिषद की प्रमुख योजना “प्रस्फुटन” बंद कर दी गई, जबकि बजट का दुरुपयोग जारी है।
भोपाल सहित 55 जिलों और 10 संभागों में अधिकारियों के लिए लग्जरी गाड़ियों पर लाखों रुपये खर्च हो रहे हैं।
प्रशिक्षण कार्यक्रम केवल जिलों और संभागों तक सीमित, जबकि इन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में होना चाहिए।
फिजूलखर्ची रोककर कर्मचारियों के हित में हो बजट का उपयोग
परिषद के अधिकारियों को वरियता सूची का लाभ मिलना चाहिए।
संविदा सेवा अवधि को जोड़कर समयमान वेतनमान और पदोन्नति दी जाए।
अवश्यकता वाले जिलों में परिषद के अधिकारियों को विभागीय कार्यों के साथ जनगणना के लिए नोडल एजेंसी नियुक्त किया जाए।
जन अभियान परिषद के अधिकारियों-कर्मचारियों को मिले 7वां वेतनमान – अनिल वाजपेयी
