इंदौर। मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) के बाहर हुए प्रदर्शन मामले में पुलिस ने कड़ा रुख अपनाते हुए प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे कोचिंग संचालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। यह प्रदर्शन आयोग की नीतियों और परीक्षाओं में कथित अनियमितताओं को लेकर किया गया था।
प्रदर्शन की पृष्ठभूमि
पिछले सप्ताह एमपीपीएससी मुख्यालय के बाहर बड़ी संख्या में छात्रों और कोचिंग संस्थानों से जुड़े लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने आयोग की कार्यशैली और परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी पर सवाल उठाए।
प्रमुख आरोप
पुलिस के अनुसार, प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, यातायात बाधित करने और कानून-व्यवस्था भंग करने के आरोप लगे हैं। प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले कुछ कोचिंग संचालकों पर भीड़ को उकसाने का आरोप है।
एफआईआर में शामिल धाराएं
प्रदर्शन के मामले में जिन धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है, उनमें शामिल हैं:
सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान (PDA Act)
धारा 144 का उल्लंघन
शांति भंग करने के आरोप
कोचिंग संचालकों पर आरोप
पुलिस का कहना है कि प्रदर्शन को योजनाबद्ध तरीके से आयोजित किया गया था, जिसमें प्रमुख कोचिंग संचालकों की भूमिका सामने आई है। इन पर छात्रों को उकसाने और प्रदर्शन को आक्रामक रूप देने के आरोप हैं।
छात्रों की मांगें
प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने एमपीपीएससी की परीक्षा प्रक्रियाओं में पारदर्शिता लाने, परिणाम जारी करने में देरी खत्म करने और संशोधित नियमों को लागू करने की मांग की है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
प्रशासन ने प्रदर्शन को अवैध करार देते हुए कहा है कि शांतिपूर्ण संवाद के लिए मंच हमेशा उपलब्ध है, लेकिन कानून-व्यवस्था भंग करने वाले कृत्यों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।