भिंड: भिंड जिले में भ्रष्टाचार और प्रशासनिक अनियमितताओं को लेकर एक नया विवाद सामने आया है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार,भिज्ड शहर के दो हल्को में पदस्त सुबोध भदौरिया, जो कि मूल रूप से मेहगांव तहसील में पदस्थ हैं, परन्तु आपने मैनेजमेंट के दम पर भिण्ड तहसील में अटैचमेंट करा कर शहर के दो हल्कों का चार्ज संभाल रहे हैं। वर्तमान में इनकी कर्यप्रणाली को लेकर cm हेल्पलाइन पर सैकड़ो शिकायते लंबित है जिसमे लेनदेन को लेकर स्थानीय लोगो ने cmहेल्पलाइन में शिकायत लगा रखी है लेकिन इसके बावजूद कलेक्टर और तहसीलदार की तरफ से इनकी कर्यप्रणाली को लेकर कोई रोक-टोक नहीं की जा रही है। यह मामला सीएम हेल्पलाइन पर आई शिकायतों से और भी गंभीर हो गया है, जहां शिकायतकर्ता ने पैसों के लेन-देन का आरोप लगाया है।
सुबोध भदौरिया की कार्यशैली पर सवाल
सुबोध भदौरिया की कार्यशैली को लेकर आरोप लग रहे हैं कि उन्होंने भिंड शहर के विक्रमपुरा हल्का और भिण्ड शहर के 7/1 का चार्ज अपनी धनबल के मैनेजमेंट से प्रभार में ले रखे है, जबकि वे मूल रूप से मेहगांव में तैनात तथा भिण्ड तहसील में कलेक्टर महोदत ने अटैच कर रखा है मजे की बात तो यह है कि जिस हल्के में पदस्त है उसी हल्के के निवासी भी है पटबारी जब कि शासन की स्पस्ट नीति है कि आपने निवास हल्के में पटबारी पदस्त नही रहेंगे इसी आशय का एक पत्र कुछ दिन पहले आयुक्त भू लेख से सभी कलेक्टरों को जारी हुआ है पर शायद भिण्ड में ऐसे आदेशो का कोई महत्ब नही है साथ ही इस प्रकार के कार्यभार को लेकर प्रशासनिक व्यवस्थाओं में अनियमितताएं नजर आ रही हैं। सीएम हेल्पलाइन पर आई शिकायतों से यह बात भी स्पष्ट हो गई है कि सुबोध भदौरिया के कामकाज में घूसखोरी और भ्रष्टाचार का बोलबाला है जिसके आरोप लगाए जा रहे हैं, फिर भी कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।
सीएम हेल्पलाइन पर बढ़ी शिकायतें
जब आठ पटवारियों को निलंबित कलेक्टर महोदय द्वारा किया गया, तब यह सवाल उठने लगा कि सुबोध भदौरिया के मामले में कलेक्टर महोदय की कलम कार्यवाही से क्यो रुक जाती है ऐसा कौन सा विशेष गुण है पटबारी में जो cm हेल्पलाइन में इतनी शिकायतों जे बाद कलेक्टर महोदय चुप ओर शांत है जबकि आये दिन छोटी छोटी बात पर कर्मचारियों पर कार्यवाही के लिए मशहूर है संजीव श्रीवास्तव जी पर पटबारी सुबोध भदौरिया मामले में क्यों कार्रवाई नहीं की जा रही हैयह अब एक आम चर्चा का विषय बना हुआ है । सीएम हेल्पलाइन पर भ्रष्टाचार और अधिकारियों की अनियमितताओं को लेकर सैकड़ों शिकायतें पेंडिंग पड़ी हुई हैं, लेकिन कलेक्टर की ओर से किसी भी कार्रवाई का अभाव है।
पटबारी का जनता पहुच दे दूर
जानकारी के के अनुसार पटबारी बहुत काम लोगो से सीधे मिलते है उनके द्वारा कुछ लड़के निजी वेतन (कमीशन ) पर रखे गए है बो ही सारा काम करते है यदि इनसे कोई काम नही समलता तो फिर इनके अग्रज भाई जो पैसे से एडवोकेट होकर सरपंच भी है बो डील करते है ऐसी चर्चा आम लोगो मे है पर इस सब से जिले के कलेक्टर महोदय क्यो अनभिज्ञ है उनके सूत्रों ने पटबारी की कर्यप्रणाली से अभी तक आपने साहब को अबगत क्यो नही कर बाया यह समझ से परे है
भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाले अधिकारी
भिंड जिले में भ्रष्टाचार की स्थिति बेहद चिंताजनक है, और यह अधिकारियों की उदासीनता और मिलीभगत का परिणाम प्रतीत होती है। जिले के अधिकारी, खासकर पटवारी और तहसीलदार, भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं, जिसके चलते राज्यभर में सीएम हेल्पलाइन पर 80,000 से अधिक शिकायतें पेंडिंग हैं। अब यह सवाल उठता है कि क्या मुख्यमंत्री इस भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करेंगे?
भिंड जिले में प्रशासनिक अनियमितताएं और भ्रष्टाचार का यह मामला गंभीर रूप लेता जा रहा है। सीएम हेल्पलाइन पर लंबित शिकायतों और कलेक्टर की उदासीनता से यह साबित होता है कि प्रशासन में सुधार की आवश्यकता है।
शहर में आम चर्चा है यदि ऐसा ही पटबारी आम जनता के प्रति आतंक चलता रहा तो आने बाले दिनों में जो चुनाव होंगे उन से जनता बर्तमान सरकार के विरोध में ही मतदान करेगी जनता के पास यही अधिकर बचा है तो अब इस ओर प्रदेश के सम्बेदन सील मुख्यमंत्री और प्रसासन के मुखिया प्रमुख सचिव अनुराग जैन को धान्य देना हौगा की ऐसे लोगो के आतंक से जनता को कैसे बचाया जाए सात भी देखना है कि पटबारी कब तक अपने धनवाल मैनजमेंट के बल पर भिण्ड शहर के लोगो का शोषण करते रहेंगे