भोपाल: एम्स भोपाल शोध और नवाचार के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। कार्यकारी निदेशक प्रो. अजय सिंह के नेतृत्व में संस्थान ने चिकित्सा अनुसंधान में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। इसी कड़ी में डेंटल विभाग के प्रोफेसर डॉ. अंशुल राय को भारत सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग से पेटेंट डिज़ाइन प्राप्त हुआ है। यह डॉ. राय का 37वां पेटेंट/कॉपीराइट है, जिसे केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत किया गया है।
विशेष ब्रश से बच्चों और बुजुर्गों को होगा लाभ
डॉ. अंशुल राय ने दो नए प्रकार के ब्रश विकसित किए हैं, जो बच्चों और बुजुर्गों की डेंटल हेल्थ को ध्यान में रखकर डिजाइन किए गए हैं।
बच्चों के लिए ब्रश:
13 वर्ष तक के बच्चों के दूध के दांत गिरने और नए दांत आने की प्रक्रिया के दौरान यह ब्रश बेहद फायदेमंद होगा।
सॉफ्ट सिलिकॉन पैड और सॉफ्ट ब्रिसल्स होने के कारण यह दांतों की सफाई के साथ-साथ दर्द और छालों से बचाव करेगा।
टीथिंग दर्द को कम करने में भी यह ब्रश मदद करेगा।
बुजुर्गों के लिए ब्रश:
यह उन बुजुर्गों के लिए फायदेमंद है जिनके सभी दांत निकल चुके हैं।
ब्रश मसूड़ों की टोनिंग में मदद करेगा और जबड़े की हड्डी को घुलने से रोकेगा।
डेंचर को ढीला होने से बचाने और डायबिटिक मरीजों के मसूड़ों की देखभाल के लिए भी उपयोगी है।
यह मुंह में पाइरिया जैसी समस्याओं को रोकने में मदद करेगा।
स्टार्टअप इंडिया और मेक इन इंडिया से जुड़ेगा प्रोजेक्ट
डॉ. राय ने बताया कि भारत सरकार की सहायता से इस इनोवेशन को “स्टार्टअप इंडिया” और “मेक इन इंडिया” अभियानों से जोड़ा जाएगा। जल्द ही इसका व्यापक पैमाने पर उत्पादन शुरू होगा, ताकि यह आम लोगों तक सस्ती कीमतों पर उपलब्ध हो सके।
एम्स भोपाल की शोध में बढ़ती भूमिका
इस उपलब्धि पर डॉ. अंशुल राय ने एम्स भोपाल के कार्यकारी निदेशक प्रो. अजय सिंह का आभार जताया। उन्होंने कहा कि उनके मार्गदर्शन में संस्थान में शोध और अनुसंधान को अभूतपूर्व गति मिली है। प्रो. अजय सिंह ने डॉ. अंशुल राय को इस महत्वपूर्ण नवाचार के लिए शुभकामनाएं दीं और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
एम्स भोपाल बना शोध और नवाचार का केंद्र, प्रो. अंशुल राय को नया पेटेंट मिला
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