भोपाल, एम्स: एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने लखनऊ आर्थोपेडिक सोसाइटी (एलओएस) की चौथी वार्षिक संगोष्ठी में भाग लिया, जो संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआईएमएस), लखनऊ में आयोजित की गई थी। यह संगोष्ठी उत्तर प्रदेश आर्थोपेडिक एसोसिएशन द्वारा आयोजित की गई थी, जिसमें आर्थोपेडिक्स के क्षेत्र के प्रमुख विशेषज्ञों ने “हिप ट्रॉमा में वर्तमान अवधारणाएँ: एक केस-आधारित चर्चा” विषय पर अपने विचार साझा किए।
संगोष्ठी का उद्देश्य: मरीजों की देखभाल में सुधार
इस संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य परंपरा और प्रौद्योगिकी के समावेश से मरीजों की देखभाल को बेहतर बनाना था। चर्चा के दौरान कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई, जैसे कि “ओल्ड इस गोल्ड,” “वृद्धजनों के लिए 360° देखभाल,” और “अनुसंधान नवाचार रोकथाम उपचार,” जिनमें विशेष रूप से हिप ट्रॉमा प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित किया गया। यह फॉर्मेट आर्थोपेडिक्स के क्षेत्र में नवीनतम प्रगति पर आधारित जानकारी प्रदान करने और जटिल मामलों की गहन समीक्षा करने का एक मंच था।
हिप ट्रॉमा देखभाल में नवीनतम प्रगति पर चर्चा
संगोष्ठी में उपस्थित आर्थोपेडिक विशेषज्ञों ने हिप ट्रॉमा देखभाल के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की और केस-आधारित चर्चाओं के माध्यम से इस क्षेत्र में नई तकनीकों और उपचार विधियों को साझा किया। यह विचार-विमर्श हिप ट्रॉमा प्रबंधन में सुधार करने के लिए प्रभावी समाधान प्रदान करने के उद्देश्य से किया गया था।
प्रो. (डॉ.) अजय सिंह का योगदान और विचार
इस अवसर पर प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने आर्थोपेडिक देखभाल के बदलते परिदृश्य पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने नवाचार और साक्ष्य-आधारित चिकित्सा पद्धतियों के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा,
“यह संगोष्ठी चिकित्सा विशेषज्ञों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है, जहां ज्ञान का आदान-प्रदान होता है, और इससे मरीजों की देखभाल को अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है। विशेष रूप से वृद्धजनों में हिप ट्रॉमा एक चुनौतीपूर्ण चिकित्सा क्षेत्र है, जिसे पारंपरिक और आधुनिक उपचार पद्धतियों के समन्वय से बेहतर किया जा सकता है।”
संगोष्ठी का प्रभाव और भविष्य की दिशा
इस संगोष्ठी ने आर्थोपेडिक्स क्षेत्र के विशेषज्ञों के बीच सहयोग और विचार-विमर्श को प्रोत्साहित किया और हिप ट्रॉमा प्रबंधन के लिए नई दिशाओं और तकनीकों का प्रस्ताव दिया। इस प्रकार के कार्यक्रम चिकित्सा के उच्च मानकों को बनाए रखने और मरीजों की देखभाल में सुधार करने के लिए महत्वपूर्ण साबित होते हैं।
इस कार्यक्रम में प्रो. (डॉ.) अजय सिंह की सक्रिय भागीदारी ने एम्स भोपाल के योगदान को और अधिक स्पष्ट किया, जो चिकित्सा में नवाचार और बेहतर उपचार पद्धतियों के अनुसंधान में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने लखनऊ आर्थोपेडिक सोसाइटी की चौथी वार्षिक संगोष्ठी में भाग लिया
