भोपाल समाचार | चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान में एम्स भोपाल की वैश्विक पहचान को और मजबूत करते हुए, संस्थान की अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ. तन्या शर्मा ने अमेरिका के बोस्टन शहर में आयोजित यूएससीएपी कॉन्फ्रेंस 2025 (USCAP Annual Meeting 2025) में भारत का प्रतिनिधित्व किया। यह सम्मेलन यूएस एंड कैनेडियन एकेडमी ऑफ पैथोलॉजी द्वारा 22 से 27 मार्च तक आयोजित किया गया था, जिसे विश्व का सबसे प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय चिकित्सा सम्मेलन माना जाता है।
डॉ. तन्या शर्मा, एम्स भोपाल के पैथोलॉजी और प्रयोगशाला चिकित्सा विभाग की वरिष्ठ फैकल्टी हैं। उन्होंने इस मंच पर ICMR (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) द्वारा प्रायोजित अपने शोध कार्य को प्रस्तुत किया, जो केंद्रीय भारत में नेफ्रोटिक सिंड्रोम से पीड़ित मरीजों की क्लिनिको-पैथोलॉजिकल और एंटीजनिक प्रोफाइल पर आधारित था। इस शोध में विशेष रूप से मेम्ब्रेनस नेफ्रोपैथी (Membranous Nephropathy) से संबंधित नए एंटीजन की पहचान की गई है, जो भविष्य में अधिक सटीक निदान और व्यक्तिगत उपचार रणनीतियों को विकसित करने में उपयोगी साबित हो सकती है।
एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने इस अवसर पर कहा, “डॉ. तन्या शर्मा द्वारा USCAP कॉन्फ्रेंस 2025 में एम्स भोपाल का प्रतिनिधित्व करना संस्थान के लिए गौरव की बात है। यह दर्शाता है कि एम्स भोपाल वैश्विक चिकित्सा अनुसंधान और रोगी देखभाल में नवाचार के साथ महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।”
डॉ. शर्मा ने अपने मार्गदर्शन और प्रेरणा के लिए प्रो. अजय सिंह और पैथोलॉजी विभाग की प्रमुख प्रो. (डॉ.) वैशाली वाल्के का आभार प्रकट किया। उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रकार के अंतरराष्ट्रीय अकादमिक मंच न केवल उनके जैसे शोधकर्ताओं को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाते हैं, बल्कि भारत में चिकित्सा अनुसंधान और उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को भी ऊंचा करते हैं।
एम्स भोपाल लगातार शैक्षणिक उत्कृष्टता और वैज्ञानिक नवाचार के क्षेत्र में अपनी उपस्थिति को मजबूत कर रहा है, और यह सहभागिता इसका सजीव प्रमाण है।
एम्स भोपाल की फैकल्टी डॉ. तन्या शर्मा ने यूएससीएपी कॉन्फ्रेंस 2025 में भारत का प्रतिनिधित्व कर नेफ्रोटिक सिंड्रोम पर शोध प्रस्तुत किया
