मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद के कर्मचारियों में आक्रोश, वेतनमान और भत्तों को लेकर आंदोलन की तैयारी
भोपाल। मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद और योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के अधीन कार्यरत कर्मचारियों में सरकार की नीतियों को लेकर भारी नाराजगी है। कर्मचारियों को 7वें वेतनमान का लाभ अब तक नहीं मिला है, साथ ही 6वें वेतनमान में 239 प्रतिशत महंगाई भत्ता देने के आदेश भी जारी नहीं हुए हैं। इसके अलावा, मध्यप्रदेश राजपत्र भर्ती सेवा नियम 2018 का पालन न होने से अधिकारी और कर्मचारी आंदोलन की तैयारी में हैं।
प्रथम चरण में विरोध प्रदर्शन
विरोध के पहले चरण में कर्मचारियों ने मोबाइल और व्हाट्सएप ग्रुप्स की डीपी पर विरोध स्वरूप दीपक जलाए। सेमी गवर्नमेंट एम्प्लाइज फेडरेशन एमपी के प्रांताध्यक्ष अनिल वाजपेयी ने मांगों को सरकार के सामने रखा। उन्होंने कहा कि यदि जल्द ही समाधान नहीं निकाला गया, तो आंदोलन तेज होगा।
मुख्य मांगें:
1. 7वें वेतनमान का लाभ:
नियमित अधिकारियों-कर्मचारियों को नियत तिथि से 7वें वेतनमान का एरियर सहित भुगतान।
2. 239% महंगाई भत्ता:
6वें वेतनमान के तहत नियत तिथि से 239 प्रतिशत महंगाई भत्ते का एरियर सहित भुगतान।
3. ग्रेड पे और वेतन विसंगति:
विकास खंड स्तरीय कार्यपालक पदों पर कार्यरत अधिकारियों का ग्रेड पे 3200 से बढ़ाकर 3600 किया जाए।
4. पदोन्नति और वरिष्ठता:
वरिष्ठता सूची में संशोधन कर प्रमोशन और क्रमोन्नति का लाभ दिया जाए।
5. वाहन खर्च पर रोक:
संभाग और जिलों में वाहनों पर होने वाली फिजूलखर्ची पर रोक लगाई जाए।
6. समान सुविधाएं:
सभी अधिकारियों को समान वेतनमान और वाहन सुविधाएं दी जाएं।
7. पदों पर नए अवसर:
लंबे समय से वरिष्ठ पदों पर जमे प्रभारियों के स्थान पर योग्य उम्मीदवारों को मौका दिया जाए।
फिजूलखर्ची पर सवाल और वेलफेयर की मांग
कर्मचारियों ने संभाग और जिलों में वाहनों पर हो रहे अनावश्यक खर्च को वेलफेयर गतिविधियों पर लगाने की मांग की है। साथ ही, कर्मचारियों को बेहतर सुविधाएं देने पर जोर दिया गया है।
आगे की रणनीति
यदि कर्मचारियों की मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया, तो विरोध प्रदर्शन बड़े स्तर पर किया जाएगा। फेडरेशन ने सरकार को स्पष्ट संदेश दिया है कि वेतनमान, भत्तों और अन्य मुद्दों को लेकर अब और देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।