पश्चिम बंगाल । कोलकाता में हाल ही में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस पर ईंटें फेंकने की घटना ने सभी को चौंका दिया है। हर पार्टी और समूह को शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने का अधिकार है, लेकिन पुलिस पर हमला करना सीधी गुंडागर्दी है, न कि विरोध। **कोलकाता पुलिस के इंस्पेक्टर देबाशीष चक्रवर्ती** की बायीं आंख की सर्जरी करनी पड़ी, जब कथित ‘शांतिपूर्ण’ प्रदर्शनकारियों द्वारा उन पर ईंट से हमला किया गया। इस हमले से उनकी आंख की रोशनी गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गई है।
अब सवाल उठता है कि इस घटना के लिए इंस्पेक्टर चक्रवर्ती को न्याय कौन दिलाएगा? क्या कोई अदालत इस मामले में हस्तक्षेप करेगी और इस तरह की हिंसा और बंद संस्कृति को ‘ना’ कहेगी?