जबलपुर/भोपाल . मध्य प्रदेश में सायबर अपराधों के बढ़ते मामलों के बीच एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, तमिलनाडु के सीताकड़ी से गिरफ्तार आरोपी बाबूलाल उर्फ बबलू की जमानत अर्जी को न्यायालय ने रद्द कर दिया। आरोपी को सायबर क्राइम ब्रांच ने 30 अगस्त 2024 को गिरफ्तार किया था, जब पुलिस ने एक बड़े सायबर ठगी मामले का खुलासा किया था।
इस मामले की शुरुआत तब हुई जब फरियादी शिवम शर्मा ने अपने बैंक खाते में संदिग्ध और भारी ट्रांजेक्शन होने की शिकायत पुलिस से की थी। शिकायत में उन्होंने एक युवक वैभव का नाम लिया, जिसने 3 लाख रुपये का लोन दिलाने के नाम पर शिवम से ब्लैंक चेक और एटीएम कार्ड ले लिया था।
पुलिस ने शिवम की शिकायत के आधार पर जांच शुरू की और इस दौरान बाबूलाल उर्फ बबलू का नाम सामने आया। जांच में यह खुलासा हुआ कि वैभव अपने साथी के साथ मिलकर भोपाल, सीहोर और आष्टा जैसे शहरों में गरीब और भोले-भाले लोगों के बैंक खातों को किराए पर लेता था। ठगी से प्राप्त रकम को इन किराए के खातों में ट्रांसफर किया जाता था। इसके बाद वैभव और उसका साथी बैंक खातों से पैसे निकालकर बाबूलाल को भेजते थे। बाबूलाल इन पैसों को क्रिप्टो करेंसी में बदलकर पाकिस्तान स्थित गनी बाबा को भेजता था।
इस सायबर ठगी में शामिल सभी आरोपियों को कमीशन मिलती थी। सायबर क्राइम ब्रांच ने बाबूलाल को तमिलनाडु से गिरफ्तार किया और अब तक आरोपी के खिलाफ गंभीर धाराओं में कार्रवाई की जा रही है।
मामले की सुनवाई करते हुए, न्यायमूर्ति प्रमोद कुमार अग्रवाल की एकलपीठ ने जमानत की अर्जी को खारिज कर दिया। कोर्ट ने मध्य प्रदेश में बढ़ते सायबर अपराधों के दृष्टिगत आरोपी को जमानत न देने का आदेश दिया।
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