भीम आर्मी ने अमित शाह के बयान पर किया जोरदार विरोध, हटाने की मांग

कटनी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा संसद में दिए गए बयान को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर पर कथित अपमानजनक टिप्पणी के खिलाफ सोमवार को भीम आर्मी और अंबेडकर महासभा के कार्यकर्ताओं ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।

सैकड़ों कार्यकर्ता शहर की सड़कों पर उतरे और राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपते हुए अमित शाह को उनके पद से हटाने की मांग की। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि गृह मंत्री का बयान दलितों और पिछड़े वर्गों का अपमान है, जिससे समाज में गहरा आक्रोश व्याप्त है।

प्रदर्शनकारियों की प्रमुख मांगें

1. अमित शाह को उनके कथित बयान के लिए मंत्री पद से बर्खास्त किया जाए।
2. संसद में चर्चा के दौरान डॉ. अंबेडकर के योगदान का सम्मान सुनिश्चित किया जाए।
3. संविधान और डॉ. अंबेडकर का अपमान करने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए।

डॉ. अंबेडकर के प्रति सम्मान की बात

भीम आर्मी और अन्य संगठनों ने कहा कि: डॉ. अंबेडकर केवल संविधान निर्माता ही नहीं, बल्कि एक महान शिक्षाविद, अर्थशास्त्री, और समाज सुधारक थे। वे दलितों, शोषितों, और महिलाओं को अधिकार दिलाने के लिए पूरी जिंदगी संघर्ष करते रहे। उनका अपमान देश का अपमान है, और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।


अमित शाह के बयान पर विवाद

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि संसद सत्र के दौरान अमित शाह ने कथित तौर पर कहा कि “डॉ. अंबेडकर को फैशन का प्रतीक बना दिया गया है।” उन्होंने इस बयान को अनुचित और अपमानजनक बताया। कहा कि डॉ. अंबेडकर ज्ञान और संघर्ष का प्रतीक हैं, जिनका अपमान करना करोड़ों भारतीयों की भावनाओं को आहत करता है।


विरोध प्रदर्शन और ज्ञापन सौंपा गया

प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने कटनी के प्रमुख चौराहे पर जाम लगा दिया। राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन में अमित शाह को संविधान निर्माता का अपमान करने के आरोप में पद से हटाने और दंडित करने की मांग की गई।

डॉ. अंबेडकर के संघर्ष को किया याद

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि डॉ. अंबेडकर ने दलितों और पिछड़े वर्गों को शिक्षा, रोजगार, और सम्मान का अधिकार दिलाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उन्होंने शोषित समाज के लिए जो योगदान दिया, उसकी वजह से आज लाखों लोग गरिमा के साथ जीवन जी रहे हैं। इस दौरान उन्होंने डॉ. अंबेडकर की दूरदर्शिता और संघर्ष को देश के लिए अनमोल धरोहर बताया।


अधिकारियों ने दिया आश्वासन

प्रदर्शन के बाद अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को शांत करते हुए उनकी मांगों को उच्च स्तर पर पहुंचाने का आश्वासन दिया।

डॉ. अंबेडकर के सम्मान के मुद्दे पर देशभर में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। यह घटना बताती है कि भारतीय समाज अपने संविधान निर्माता के अपमान को किसी भी कीमत पर सहन नहीं करेगा। अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है।

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