भोपाल: मध्य प्रदेश में सरकारी विभागों में कार्यरत स्थाई कर्मियों और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को बीमा सुविधा से वंचित रखा गया है, जबकि इस संबंध में स्पष्ट नियम मौजूद हैं। इस मुद्दे को लेकर मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर तत्काल बीमा सुविधा लागू करने की मांग की है।
क्या है मामला?
मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच के प्रांताध्यक्ष अशोक पांडे ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि उपादान अधिनियम, 1972 की धारा 2 के अनुसार, स्थाई कर्मचारियों और दैनिक वेतनभोगी श्रमिकों का बीमा कराया जाना अनिवार्य है। लेकिन, विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण लाखों कर्मचारी बीमा सुविधा से वंचित हैं।
प्रमुख शिकायतें:
1. 20-20 वर्षों की सेवा के बावजूद स्थाई और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों का बीमा नहीं कराया गया।
2. कर्मचारियों की मृत्यु होने पर उनके आश्रितों को बीमा राशि का लाभ नहीं मिलता।
3. विभागीय अधिकारियों ने नियमों का पालन नहीं किया।
मुख्यमंत्री से की गई मांग:
कर्मचारी मंच ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि तत्काल प्रभाव से सभी स्थाई और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों का बीमा कराया जाए।बीमा सुविधा का लाभ प्रदेश के लाखों कर्मचारियों और उनके परिवारों तक पहुंचे।
आंदोलन की चेतावनी:
कर्मचारी मंच ने स्पष्ट किया है कि यदि एक माह के भीतर बीमा प्रक्रिया शुरू नहीं की गई, तो मंत्रालय के सामने आंदोलन किया जाएगा।
कर्मचारी मंच का बयान:
अशोक पांडे ने कहा, “बीमा सुविधा के बिना कर्मचारियों और उनके परिवारों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यह अधिकार उन्हें तुरंत मिलना चाहिए। यदि हमारी मांगें नहीं मानी गईं, तो मजबूरन आंदोलन करना होगा।”
Tags: #भोपालसमाचार #कर्मचारीमंच #बीमा #स्थाईकर्मी #दैनिकवेतनभोगी