भोपाल: खाद की किल्लत और कालाबाजारी रोकने के लिए कड़े नियम लागू, टोकन पर ही मिलेगी खाद

भोपाल म मध्यप्रदेश में खाद की किल्लत और कालाबाजारी पर नियंत्रण के लिए सख्त नियम लागू किए गए हैं। अब विपणन संघ के गोदामों से खाद केवल टोकन प्रणाली के माध्यम से ही वितरित की जाएगी, जिससे खाद वितरण में पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके। इस पहल का उद्देश्य किसानों को समय पर पर्याप्त खाद उपलब्ध कराना और बाजार में अवैध मुनाफाखोरी पर रोक लगाना है।

धान उपार्जन 2 दिसंबर से होगा शुरू

प्रदेश में धान उपार्जन की प्रक्रिया 2 दिसंबर से प्रारंभ होगी। इस साल 7.85 लाख किसानों ने पंजीयन कराया है, जो धान की खरीदी में भाग लेंगे। राज्य सरकार ने किसानों को सुविधा प्रदान करने के लिए खाद और अन्य आवश्यक संसाधनों की समुचित आपूर्ति का आश्वासन दिया है।

निजी उर्वरक विक्रय केंद्रों पर भी रहेगी निगरानी

खाद वितरण प्रक्रिया में केवल सरकारी गोदाम ही नहीं, बल्कि निजी क्षेत्र के उर्वरक विक्रय केंद्रों की भी निगरानी की जाएगी, ताकि कोई अनियमितता या कालाबाजारी न हो सके। राज्य प्रशासन द्वारा नियमित निरीक्षण के जरिए विक्रेताओं पर नजर रखी जाएगी।

रबी सीजन में खाद की आपूर्ति बढ़ी

पिछले वर्ष की तुलना में इस बार रबी सीजन में अधिक खाद उपलब्ध कराई गई है। यह कदम राज्य में खेती-किसानी को समर्थन देने और किसानों को समय पर संसाधन मुहैया कराने के लिए उठाया गया है।

सरकार का जोर: पारदर्शी वितरण प्रणाली

खाद वितरण में टोकन प्रणाली लागू कर प्रशासन ने यह सुनिश्चित करने की कोशिश की है कि हर किसान को उसका हिस्सा आसानी से मिले। सरकार का लक्ष्य है कि उपज उत्पादन में कोई रुकावट न आए और खाद की उपलब्धता सुचारू बनी रहे।

निष्कर्ष

खाद की किल्लत और कालाबाजारी रोकने के लिए राज्य सरकार की यह पहल किसानों के लिए बड़ी राहत साबित हो सकती है। धान उपार्जन की सुगम व्यवस्था और खाद की पारदर्शी आपूर्ति से प्रदेश में कृषि क्षेत्र को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

Exit mobile version