भोपाल। सब इंस्पेक्टर जितेन्द्र सिंह ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक कड़ा संदेश देते हुए अन्न-पानी छोड़ने का निर्णय लिया है। सिंह ने सोशल मीडिया पर अपने दर्द को साझा करते हुए बताया कि वह किसी पीड़ित का दर्द देख नहीं सकते और रिश्वतखोरी नहीं कर सकते, इसलिए उन्होंने यह कठोर कदम उठाया है।
सिंह ने थाने में रोजमर्रा के खर्चों से परेशान होकर यह निर्णय लिया है। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा है कि उनकी सैलरी इतनी नहीं है कि वह बच्चों की पढ़ाई-लिखाई और खाने-खर्चे के साथ-साथ थाने के खर्चे भी उठा सकें।
उन्होंने बताया कि उन्हें पेट्रोल भत्ता मात्र 1600 रुपये मिलता है, जबकि वास्तविकता में पेट्रोल पर इससे कहीं अधिक खर्च हो जाता है। दो दिन पहले सब इंस्पेक्टर सिंह का ट्रांसफर पुलिस लाइन से अवधपुरी थाने में हुआ है।
सब इंस्पेक्टर जितेन्द्र सिंह का यह कदम पुलिस विभाग और समाज में एक ईमानदारी की मिसाल के रूप में देखा जा रहा है। यह कदम भ्रष्टाचार के खिलाफ उनके दृढ़ संकल्प को दर्शाता है।