खनिज विभाग में लोकायुक्त की बड़ी कार्रवाई: रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े गए अधिकारी

ठेकेदार की शिकायत पर कार्रवाई, 41 हजार रुपये लेते हुए गिरफ्तारी

गुना। खनिज विभाग में भ्रष्टाचार के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। शुक्रवार को लोकायुक्त टीम ने खनिज विभाग के प्रभारी अधिकारी दीपक सक्सेना और सहायक ग्रेड-3 बाबू दीपक भार्गव को 41 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया।

ठेकेदार की शिकायत पर हुई कार्रवाई

लोकायुक्त इंस्पेक्टर ब्रजेश मोहन सिंह नरवरिया ने बताया कि फरियादी ऋषिकेश सेन ने 21 नवंबर 2024 को लोकायुक्त एसपी को शिकायत की थी। शिकायत में उन्होंने बताया कि वह ठेकेदारी के काम से जुड़े हैं और पोकलेन मशीन से कुएं की खुदाई जैसे कार्यों के लिए खनिज विभाग से अनुमति लेनी होती है। विभाग के प्रभारी अधिकारी दीपक सक्सेना ने उनसे प्रति कुआं 10 हजार रुपये रिश्वत की मांग की थी।

पहले भी दे चुके थे 15 हजार रुपये

फरियादी ने रिश्वत के दबाव में पहले ही 15 हजार रुपये दे दिए थे। इसके बाद भी अधिक पैसे की मांग की जा रही थी। परेशान होकर उन्होंने लोकायुक्त से शिकायत की। जांच के दौरान शिकायत सही पाई गई, जिसके बाद टीम ने योजना बनाकर शुक्रवार को यह कार्रवाई की।

लोकायुक्त की टीम ने ऐसे दबोचा

लोकायुक्त की टीम ने एक तय योजना के तहत फरियादी को 41 हजार रुपये लेकर खनिज विभाग भेजा। जैसे ही पैसे सौंपे गए, लोकायुक्त की टीम ने मौके पर पहुंचकर खनिज अधिकारी दीपक सक्सेना और बाबू दीपक भार्गव को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। रिश्वत की रकम भी मौके से जब्त कर ली गई।

खनिज विभाग में फैले भ्रष्टाचार का पर्दाफाश

प्रारंभिक जांच में पता चला है कि दोनों अधिकारी लंबे समय से भ्रष्टाचार में लिप्त थे। फरियादी ऋषिकेश सेन ने बताया कि उनका काम गुना विकासखंड में चल रहा है, जहां उन्हें बोर खोदने के लिए खनिज विभाग से अनुमति लेनी पड़ती है। इस प्रक्रिया में रिश्वत की मांग आम बात हो चुकी है।

लोकायुक्त की कार्रवाई का असर

लोकायुक्त की इस कार्रवाई ने खनिज विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार पर नकेल कसने का संदेश दिया है। जिले में इस तरह की कार्रवाई से अन्य विभागों में भी हड़कंप मच गया है। लोकायुक्त टीम अब गिरफ्तार अधिकारियों से पूछताछ कर रही है ताकि इस मामले में शामिल अन्य व्यक्तियों की पहचान की जा सके।

भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की जरूरत

खनिज विभाग में इससे पहले भी भ्रष्टाचार के कई मामले सामने आ चुके हैं। लोकायुक्त की इस कार्रवाई ने एक बार फिर यह साबित किया है कि सरकारी विभागों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।

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