ब्रेकिंग न्यूज़: सौरभ शर्मा की डायरी में करोड़ों की अवैध वसूली का पर्दाफाश, टीएम और टीसी के अर्थ को लेकर सवाल

सौरभ शर्मा केस में बड़ा खुलासा
भोपाल . सौरभ शर्मा की डायरी के कुछ पन्ने सामने आए हैं, जिनमें अवैध वसूली से जुड़े चौंकाने वाले तथ्य दर्ज हैं। इस डायरी में लगभग 800 करोड़ रुपये की काली कमाई का हिसाब-किताब पाया गया है।

डायरी में टीएम और टीसी का रहस्य

डायरी के पन्नों पर टीएम (संभवत: ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर) और टीसी (संभवत: ट्रांसपोर्ट कमिश्नर) लिखा हुआ है। हर पन्ने पर टीसी के हस्ताक्षर भी मौजूद हैं। लाखों रुपये की राशि का जिक्र किया गया है, जिससे यह संकेत मिलता है कि 19 चेकपोस्ट और 51 आरटीओ कार्यालयों से हर महीने करोड़ों रुपये की अवैध कमाई होती थी।

सेंधवा चेकपोस्ट पर सबसे ज्यादा वसूली

डायरी में सबसे ज्यादा अवैध वसूली सेंधवा चेकपोस्ट से होने का उल्लेख है। यहां तक कि बेगारी (फर्जी मद) और अन्य तरीकों से भी पैसा वसूला जाता था।

चेकपोस्ट बंद, लेकिन वसूली का हिसाब बरकरार

राज्य सरकार ने 1 जुलाई 2024 से सभी चेकपोस्ट बंद कर दिए हैं, लेकिन डायरी में 35 से 38 चेकपोस्ट के नाम और उनके आगे वसूली गई राशि का विवरण है। हर चेकपोस्ट के लिए एक अलग कॉलम में जमा, शेष और रिमार्क्स का जिक्र किया गया है।

50 करोड़ रुपये का 5 महीने का हिसाब

डायरी में 5 महीने की वसूली का कुल हिसाब लगभग 50 करोड़ रुपये का है। हर महीने औसतन 10 करोड़ रुपये वसूले गए। सौरभ शर्मा के 81 महीने के कार्यकाल का अनुमानित वसूली आंकड़ा 800 करोड़ रुपये से अधिक बैठता है।

38 से घटकर 30 चेकपोस्ट

2021 तक प्रदेश में कुल 38 चेकपोस्ट थे, जो बाद में घटकर 30 रह गए। बड़े चेकपोस्टों पर आरटीओ, सब-इंस्पेक्टर, हवलदार और सिपाही की तैनाती होती थी, जबकि छोटे चेकपोस्ट सब-इंस्पेक्टर संभालते थे।

भाजपा और कांग्रेस विधायकों के नाम भी शामिल

डायरी में भाजपा के 10 और कांग्रेस के 7 विधायकों के नाम दर्ज हैं। ये अधिकतर सीमावर्ती जिलों से संबंधित हैं, जहां टोल नाकों का प्रभाव प्रमुख है।

2020-21 में वसूली का लक्ष्य और आंकड़े

डायरी में 2020 और 2021 के कुछ महीनों में 38 चेकपोस्टों और फ्लाइंग स्क्वाड से वसूली के लक्ष्य, वसूल की गई राशि और बाकी बकाया का पूरा विवरण दर्ज है।
इस डायरी के खुलासे से प्रदेश में भ्रष्टाचार के बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ है। अब देखना होगा कि प्रशासन और जांच एजेंसियां इस मामले में क्या कार्रवाई करती हैं।

Exit mobile version