सिंग्रामपुर कैबिनेट में झलकेगी बुंदेली संस्कृति, रानी दुर्गावती के किले की भव्यता का अनुभव

भोपाल: सिंग्रामपुर में आयोजित होने वाली कैबिनेट बैठक में इस बार बुंदेली संस्कृति की झलक साफ दिखाई देगी। कैबिनेट स्थल को रानी दुर्गावती के किले की भव्यता और पारंपरिक वास्तुकला के अनुसार सजाया गया है। इस बैठक का मुख्य आकर्षण यह रहेगा कि इसे ओपन-एयर कैबिनेट के रूप में रानी दुर्गावती के सिंहासन कक्ष के पैटर्न पर तैयार किया गया है।

कैबिनेट परिसर की डिजाइन में पत्थर की दीवारें, मेहराबदार खिड़कियाँ, और मध्यकालीन किलेनुमा हिस्से शामिल किए गए हैं, जो प्राचीनता का अहसास कराते हैं। सजावट गोंड कला से प्रेरित होगी, जिससे स्थानीय सांस्कृतिक धरोहर को भी उजागर किया जाएगा।

गोंड कला और पारंपरिक सजावट का अनोखा संगम

मंत्रियों के लिए विशेष कार्यालय गोंड कला और भित्ति चित्रों से सुसज्जित किए गए हैं। वहीं, बैठक के डाइनिंग एरिया को पारंपरिक गोंड गाँव के आँगन की तर्ज पर तैयार किया गया है, जहाँ पेड़ों के नीचे बैठकर भोजन परोसा जाएगा। भोजन के लिए प्राचीन कांसे के बर्तनों का उपयोग किया जाएगा, जो इस आयोजन को और भी विशिष्ट बनाएगा।

सांस्कृतिक अंदाज में होगा मंत्रियों का स्वागत

मुख्यमंत्री और मंत्रियों का स्वागत पारंपरिक जनजातीय सांस्कृतिक टीम द्वारा किया जाएगा, जो गोंड परंपरा और बुंदेली संस्कृति के रंग-बिरंगे रूप को प्रदर्शित करेगी। यह आयोजन न केवल एक सरकारी बैठक होगा, बल्कि बुंदेलखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को भी प्रकट करेगा, जिससे क्षेत्र की ऐतिहासिक महत्ता और गौरवमयी इतिहास का प्रचार-प्रसार होगा।

इस प्रकार, सिंग्रामपुर कैबिनेट में इस बार संस्कृति और आधुनिकता का अद्वितीय संगम देखने को मिलेगा, जो इसे अन्य कैबिनेट बैठकों से अलग बनाएगा।

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