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मध्य प्रदेश विधानसभा सत्र में कर्मचारियों की मांगें पूरी करने का आह्वान

  कर्मचारियों की मांगों पर सरकार की अनदेखी

भोपाल । मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि मानसून बजट सत्र में कर्मचारियों की लंबित मांगों को प्राथमिकता दी जाए और स्पष्ट प्रावधान किया जाए। मंच के प्रदेश अध्यक्ष अशोक पांडे ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर निम्नलिखित प्रमुख मांगों को उजागर किया है:

1. महंगाई भत्ता: नियमित कर्मचारियों को चार प्रतिशत महंगाई भत्ते का एरिया सहित लाभ।
2. सातवां वेतनमान: स्थाई कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का लाभ।
3. न्यूनतम वेतनमान: दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित न्यूनतम वेतनमान का लाभ।
4. न्यायालय आदेश: अनियमित कर्मचारियों को न्यायालय आदेश का लाभ देकर नियमित करना।
5. वेतन वृद्धि : श्रमिकों के कम काम किए गए वेतन को पुनः बढ़ाना।
6. अनुकंपा नियुक्ति : अनियमित कर्मचारियों को अनुकंपा नियुक्ति का लाभ।
7.  ग्रेजुटी : अनियमित कर्मचारियों को 10 लाख रुपए की ग्रेजुटी और अनुकंपा अनुदान।
8. न्यूनतम वेतन : पंचायत कर्मियों, नल जल चालकों, भृत्य, पी टी एस कर्मचारियों और अंशकालीन कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन का भुगतान।
9. स्थानांतरण सुविधा : अनियमित कर्मचारियों को स्थानांतरण सुविधा।
10. मेडिकल और बीमा सुविधा : सभी कर्मचारियों को मेडिकल और बीमा सुविधा।
11. पेंशन सुविधा : पेंशन सुविधा का प्रावधान।

कर्मचारियों के संघर्ष का कारण

इन सभी मांगों को लंबे समय से सरकार के समक्ष प्रस्तुत किया जा रहा है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। इस कारण कर्मचारियों को संघर्ष का रास्ता अपनाना पड़ रहा है। कर्मचारी मंच ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि वर्तमान विधानसभा सत्र में इन मांगों को पूरा करने का प्रावधान किया जाए ताकि कर्मचारियों को उनके अधिकार प्राप्त हो सकें।


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