मुख्यमंत्री मोहन यादव ने की ‘सोयाबीन उपार्जन और खाद-बीज वितरण’ की समीक्षा, नकली उर्वरक की कालाबाजारी रोकने के दिए निर्देश

**भोपाल,** मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज ‘सोयाबीन उपार्जन और खाद-बीज उपलब्धता एवं वितरण’ की स्थिति की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने इस दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, कृषि विभाग के अधिकारी, और अन्य संबंधित विभागों के प्रमुख अधिकारियों को उर्वरक वितरण व्यवस्था पर सख्त निर्देश दिए।

### **कालाबाजारी और मिलावट पर सख्त कार्रवाई के आदेश**
मुख्यमंत्री ने कहा कि रबी सीजन के दौरान उर्वरकों की मांग में इजाफा होने से कालाबाजारी, अवैध भंडारण, और नकली उर्वरकों की बिक्री की संभावना बढ़ जाती है। इसे रोकने के लिए पुलिस प्रशासन का सहयोग लेते हुए नियमित निरीक्षण और चेकिंग अभियान को तेज किया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि जो भी व्यक्ति या संगठन मिलावट, मिस ब्रांडिंग, या नकली उर्वरक का निर्माण और वितरण करता पाया जाए, उस पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।

### **उर्वरक परिवहन पर रखी जाए कड़ी नजर**
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बैठक में कहा कि उर्वरकों के अवैध परिवहन को रोकने के लिए एक जिले से दूसरे जिले में उर्वरकों की मूवमेंट पर सख्त निगरानी की जाए। प्रत्येक जिले में उर्वरक वितरण की मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जाए, ताकि किसानों को समय पर उचित मात्रा में उर्वरक उपलब्ध हो सके।

### **रबी सीजन के लिए पर्याप्त उर्वरक उपलब्ध**
मुख्यमंत्री ने बताया कि रबी फसलों के लिए एनपीके, नाइट्रोजन, और लिक्विड नैनो यूरिया की उपलब्धता प्रदेश में पर्याप्त है। किसानों को इनके उपयोग के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए ताकि उत्पादन बेहतर हो और किसानों की लागत में कमी आए। डॉ. यादव ने कहा कि इन आधुनिक उर्वरकों के उपयोग से हमारी निर्भरता अन्य देशों से कम होगी और उत्पादन में वृद्धि होगी।

### **दक्षिणी राज्यों के किसान भी कर रहे हैं बड़े पैमाने पर उपयोग**
मुख्यमंत्री ने उल्लेख किया कि आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और महाराष्ट्र के किसान भी बड़े पैमाने पर एनपीके और लिक्विड नैनो यूरिया का उपयोग कर रहे हैं, जिससे उनके कृषि उत्पादन में सुधार हो रहा है। मध्य प्रदेश के किसानों को भी इसी दिशा में प्रोत्साहित करने की जरूरत है।

### **प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने पर जोर**
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती से न केवल पर्यावरण का संरक्षण होगा, बल्कि इससे किसानों की आय में भी वृद्धि हो सकेगी।

### **बैठक में कई जनप्रतिनिधि और अधिकारी रहे शामिल**
मुख्यमंत्री द्वारा आयोजित इस समीक्षा बैठक में वर्चुअल माध्यम से राज्यसभा और लोकसभा सांसद, विधायक, मंत्रीगण सहित सभी जिलों के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक जुड़े। बैठक में कृषि विभाग और संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल रहे।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के सख्त निर्देशों के बाद अब प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वे उर्वरक वितरण प्रणाली को पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त बनाएं, ताकि किसानों को सही समय पर सही उर्वरक उपलब्ध हो सके और कृषि उत्पादन में प्रदेश का प्रदर्शन और बेहतर हो।

Exit mobile version