भोपाल । एम्स भोपाल के पैथोलॉजी और लैब मेडिसिन विभाग ने डीआईएएमओएनडीएस (DHR-ICMR Advanced Molecular Diagnostic Services) केंद्र के सहयोग से ‘फेफड़ों के कैंसर पैथोलॉजी’ पर एक दिवसीय सतत चिकित्सा शिक्षा (CME) कार्यक्रम और कार्यशाला का आयोजन किया।
यह आयोजन एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह के मार्गदर्शन में हुआ, जिसमें मध्य प्रदेश के 45 से अधिक प्रतिनिधियों, वरिष्ठ संकाय सदस्यों, स्नातकोत्तर छात्रों और परामर्शदाता पैथोलॉजिस्टों ने भाग लिया।
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य:
फेफड़ों के कैंसर के शीघ्र और सटीक निदान पर ध्यान केंद्रित करना
चिकित्सा पेशेवरों को नवीनतम पैथोलॉजी तकनीकों से अवगत कराना
व्यावहारिक प्रशिक्षण के माध्यम से नैदानिक दक्षता बढ़ाना
विशेषज्ञों की भागीदारी और सत्र:
कार्यक्रम का नेतृत्व किया:
प्रो. वैशाली वालके – अध्यक्ष, पैथोलॉजी और लैब मेडिसिन विभाग
प्रो. दीप्ति जोशी – प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर, डीआईएएमओएनडीएस केंद्र
डॉ. उज्जवल खुराना – आयोजन सचिव एवं अतिरिक्त प्रोफेसर, पैथोलॉजी विभाग
प्रमुख वक्ता और उनके विषय:
प्रो. दीपाली जैन (एम्स, नई दिल्ली) – फेफड़ों के कैंसर के नैदानिक पहलू
डॉ. पूजा बक्षी (सर गंगा राम अस्पताल, नई दिल्ली) – साइटोपैथोलॉजी और नवीनतम प्रगति
प्रो. अलकेश खुराना (एम्स भोपाल) – पल्मोनरी मेडिसिन और रोगी देखभाल
व्यावहारिक सत्र और उन्नत तकनीकें:
माइक्रोस्कोपी सत्र – डॉ. उज्जवल खुराना के निर्देशन में
रियल टाइम पीसीआर तकनीक पर प्रदर्शन – डॉ. दीपा गांधी (वैज्ञानिक सी, डीआईएएमओएनडीएस केंद्र, एम्स भोपाल)
प्रो. अजय सिंह का बयान:
“फेफड़ों का कैंसर दुनियाभर में मृत्यु दर का एक प्रमुख कारण है। इसका शीघ्र और सटीक निदान प्रभावी उपचार के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। यह कार्यशाला चिकित्सा पेशेवरों को उन्नत तकनीकों से लैस करने और रोगी देखभाल में सुधार लाने में मददगार साबित होगी।”
एम्स भोपाल में ‘फेफड़ों के कैंसर पैथोलॉजी’ पर सीएमई और कार्यशाला का आयोजन
