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भिंड में शहीद परिवारों के धरने को कलेक्टर ने किया नजरअंदाज, वीर नारियां और पूर्व सैनिक जारी रखे संघर्ष

भिंड। शहीद परिवारों की समस्याओं और उनके सम्मान की बहाली के लिए भूतपूर्व सैनिक संघ के नेतृत्व में वीर नारियां और पूर्व सैनिक भिंड कलेक्ट्रेट पर धरना दे रहे हैं। आज भी उनका आंदोलन जारी रहा, लेकिन कलेक्टर ने धरनास्थल पर पहुंचकर उनकी बात सुनने की जहमत नहीं उठाई।

जिला अध्यक्ष सूबेदार मेजर (रिटायर्ड) राकेश सिंह कुशवाह ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि यह धरना शहीद परिवारों को उनका सम्मान दिलाने और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए आयोजित किया गया है। उन्होंने कहा कि फौजियों की जमीनों पर कब्जे हो रहे हैं और पूर्व सैनिक अपनी समस्याओं के समाधान के लिए दर-दर भटक रहे हैं, लेकिन प्रशासन उनकी कोई सुनवाई नहीं कर रहा है।

शहीद परिवारों के साथ अपमानजनक व्यवहार का आरोप
सूबेदार मेजर कुशवाह ने बताया कि अमर शहीद पवन भदौरिया के परिवार को अब तक सम्मान राशि नहीं मिली है। शहीद के पिता राजकुमार भदौरिया को कलेक्टर कार्यालय में खड़े रहने पर मजबूर किया गया और उन्हें बैठने तक के लिए कुर्सी नहीं दी गई। साथ ही, उनके साथ बदतमीजी से बात की गई। कुछ दिन पहले कैप्टन ज्ञानेंद्र सिंह भदौरिया के साथ भी कलेक्टर ने अभद्र व्यवहार किया था।

इसके अलावा, शहीद कॉलोनी को तोड़ने के नोटिस जारी किए गए हैं, जो शहीद परिवारों के प्रति प्रशासन की उदासीनता को दर्शाता है।

कलेक्टर के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी
भूतपूर्व सैनिक संघ ने भिंड कलेक्टर के इस व्यवहार को निंदनीय बताते हुए माफी की मांग की है। संघ ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगे पूरी नहीं की गईं, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। संघ का कहना है कि कलेक्टर को अपनी नौकरी के इतिहास का सबसे बड़ा आंदोलन देखना पड़ेगा।

धरने में मौजूद रहे ये पूर्व सैनिक
आज के धरने में कार्यकारी अध्यक्ष अजमेर सिंह भदौरिया, कैप्टन हुकुम सिंह, पुष्पराज सिंह, कप्तान सिंह, राममिलन सिंह भदौरिया, महेश करारिया (गोहद), रामजीलाल भदौरिया, रमेश पाल, शिवरतन सिंह तोमर, करन सिंह, रामजी लाल बघेल, अतर सिंह गुर्जर, रामलछमन सिंह, रामबरन सिंह, रघुराज सिंह, एन.के. शर्मा, राधाकृष्ण शर्मा, कुलदीप सिंह भदौरिया, शिवरतन सिंह भदौरिया समेत कई पूर्व सैनिक शामिल हुए।

भिंड कलेक्टर द्वारा शहीद परिवारों और पूर्व सैनिकों की उपेक्षा पर सवाल उठ रहे हैं। भूतपूर्व सैनिक संघ ने प्रशासन से तत्काल कार्यवाही और माफी की मांग की है। यदि मांगे पूरी नहीं हुईं, तो आंदोलन और बड़ा रूप ले सकता है।

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