कांग्रेस: महज राजनीतिक दल नहीं एक आंदोलन

लेखक : संगीता शर्मा , पूर्व सदस्य, मध्यप्रदेश राज्य महिला आयोग  एवं प्रदेश प्रवक्ता, मध्यप्रदेश कांग्रेस


भारतीय लोकतंत्र में स्थापित सभी राजनीतिक दलों की अपनी एक भूमिका और स्थान है जिसे वो समय समय पर रेखांकित करते हुए अपनी जिम्मेदारी को निभाते हैं। भारत के लोकतंत्र में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस भी एक प्रमुख राजनीतिक दल के रूप में विद्यमान है, जिसका इतिहास ही भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने से जुड़ा है। इसीलिए कांग्रेस को महज एक राजनीतिक दल ही नहीं आंदोलन के रूप में माना जाता है। यह बात अलग है कि समय के प्रवाह में बदलते वक्त के कारण यह आंदोलन बहुरूपियों की सियासी षड़यंत्र का हिस्सा बनता जा रहा है। कांग्रेस की स्थापना 28 दिसम्बर 1885 को हुई थी, और इसके संस्थापकों में ए ओ ह्यूम, दादा भाई नौरोजी और दिनशा वाचा  जैसे दिग्गज शामिल थे ।
अपने गठन के समय से लेकर आज तक कांग्रेस का उद्देश्य हमेशा साफ रहा है। कांग्रेस पार्टी और उससे जुड़े नेताओं, आम जनमानस की करनी और कथनी में कोई अंतर नहीं रहता है। तब गठन के समय कांग्रेस पार्टी का मुख्य उद्देश्य भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन को मजबूत करना और ब्रिटिश शासन से मुक्ति पाना था। अब कांग्रेस झूठे वादों और आश्वासनों के मकड़जाल में उलझी देश की साधारण जनता को उन सियासी मायावियों के चंगुल से आजाद कराने में संघर्षरत है जो उसे मुफ्त के नाम पर मानसिक बीमार बनाने में कोई गुरेज नहीं कर रहे।
जो जनता को मानसिक गुलाम बनाने के अपने षडयंत्र में कुछ हद तक सफल होते नजर आ रहे हैं।चंद रुपयों के बदले ये धोखेबाज जनता के सभी मौलिक अधिकारों को कुचल रहे हैं।उसे अपने प्रिय औद्योगिक घरानों के पास गिरवी रख रहे हैं।

आजादी से लेकर अब तक इस पार्टी ने कई महत्वपूर्ण नेताओं को जन्म दिया, जिनमें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू, और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री, पंडित श्यामा प्रसाद मुखर्जी शामिल हैं।
लाल बहादुर शास्त्री एक महान नेता थे जिन्होंने कांग्रेस पार्टी के लिए बहुत कुछ किया। उनका जन्म 2 अक्टूबर 1904 को वाराणसी में हुआ था, और उन्होंने अपनी शिक्षा काशी विद्या पीठ में प्राप्त की। शास्त्री जी ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया और कई बार जेल गए ।
कांग्रेस पार्टी का वर्चस्व 1952 से 1967 तक लगातार भारतीय राजनीति में बना रहा। इसके बाद कुछ बहकावे से उपजे बदलाव के अंकुर रूप में नए राजनीतिक दल सामने आए पर कांग्रेस की जड़ों में पैठ के कारण बहुत जल्द जनता को उनका मकसद समझने में देर नहीं लगी। इस पार्टी को अपना वर्चस्व बनाने में सफलता इसलिए प्राप्त हुई कि राष्ट्रीय आंदोलन के समय उसे सभी वर्गों का समर्थन प्राप्त था। इसके अलावा, कांग्रेस पार्टी का देशव्यापी संगठनात्मक ढांचा भी इसकी सफलता का एक महत्वपूर्ण कारण था।
आजादी के बाद कांग्रेस पार्टी ने भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कांग्रेस पार्टी ने कई महत्वपूर्ण नेताओं को जन्म दिया है और इसके नेतृत्व में भारत ने कई महत्वपूर्ण आर्थिक और सामाजिक सुधार किए हैं। आज उन्हीं आर्थिक सुधारों के कारण भारत एक मजबूत पायदान पर दुनिया के सामने अपनी बादशाहत का झंडा लहरा रहा है। लोगों की मौत पर खुद के लिए जमीन तैयार करने में माहिर चंद नेता आज जरूर कांग्रेस की सोच या नियति पर सवाल उठा रहे हैं पर एक बार वो अपने गिरेबान की तरफ बस झांक ही लेते तो लोगों के सामने न झूठ परोसने की हिम्मत होती और जरूरत।
कहते हैं बदलाव प्रकृति का नैसर्गिक सिद्धांत है, इसलिए राजनेताओं की सोच और कार्य व्यवहार भी समय के पहिए की तरह बदलाव का हिस्सा बनता गया। यही वजह रही कि कांग्रेस पार्टी से जुड़े नेताओं की टूटन से पार्टी का वर्चस्व समय के साथ कम होता गया है। वर्ष 1967 के बाद विपक्षी दलों ने बीच-बीच में
कांग्रेस पार्टी को चुनौती देना शुरू किया और 1989 के बाद राष्ट्रीय पटल पर हुए कुछ सियासी घटनाक्रम से बदली हुई परिस्थितियों में कांग्रेस के सामने क्षेत्रीय पार्टियों की नई चुनौती सामने आई। हालांकि पूर्व प्रधानमंत्री स्व पी.वी. नरसिंहराव और स्व मनमोहन सिंह के रूप में कांग्रेस ने एक अच्छी वापसी के साथ अपने वर्चस्व की कायमी को पुनर्स्थापित किया।
विगत एक दशक से कांग्रेस पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर विपक्ष के रूप में तो कुछ राज्यों में सत्तारूढ़ होकर भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर रही है। इसके नेतृत्व में भारत ने कई महत्वपूर्ण आर्थिक और सामाजिक सुधार किए हैं। आज भी यह पार्टी भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण शक्ति बनी हुई है।
हालांकि वर्तमान में केंद्र में सत्तारूढ़ दल रोज नए षड्यंत्र करके कांग्रेस और उसके शीर्ष नेतृत्व की छवि धूमिल करने की असफल कोशिश कर रहा है।लेकिन देश की जनता ,उसे दिए जा रहे धोखे को समझने लगी है।वह फिर कांग्रेस की ओर आशा भरी नजरों से देख रही है।देश की जनता ही कांग्रेस के खिलाफ षड्यंत्रों का मुंहतोड़ जवाब देगी।जल्दी ही कांग्रेस फिर शिखर पर होगी।
आज से कांग्रेस पार्टी दिल्ली के नए कार्यालय से नए युग की शुरुआत करेगी ।

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