भोपाल । मध्य प्रदेश के मंडला जिले में आदिवासी युवक हिरन बैगा की कथित फर्जी मुठभेड़ में हत्या को लेकर प्रदेश में बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस के संयुक्त सचिव एड. सुनील कुमार आदिवासी ने इस घटना को राज्य प्रायोजित हिंसा करार देते हुए भाजपा सरकार और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं।
भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप: “आदिवासियों के खून से खेली जा रही है होली”
एड. सुनील कुमार आदिवासी ने भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा,
“सरकार पहले आदिवासियों को नक्सली करार देती है, फिर फर्जी मुठभेड़ों के नाम पर उनकी हत्या कर दी जाती है। यह सिर्फ हिरन बैगा की हत्या नहीं, बल्कि पूरे आदिवासी समाज के विश्वास की हत्या है।”
क्या हुआ था मंडला में?
कान्हा-किसली खटिया नारंगी गांव के निवासी हिरन बैगा को पुलिस ने नक्सली बताकर गोली मार दी। परिजनों और ग्रामीणों का आरोप है कि यह एक पूर्व नियोजित फर्जी मुठभेड़ थी। घटना के बाद पुलिस ने शव का गुपचुप तरीके से अंतिम संस्कार कर दिया।
महामहिम राष्ट्रपति की चुप्पी पर उठे सवाल
एड. सुनील कुमार आदिवासी ने कहा,
“महामहिम राष्ट्रपति देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति हैं, लेकिन जब भाजपा सरकार निर्दोष आदिवासियों की हत्या कर रही है, तब वे खामोश क्यों हैं? क्या वे सिर्फ भाजपा सरकार की ढाल बनने तक सीमित रह गई हैं?”
भाजपा सरकार के खिलाफ उठीं माँगें
एड. सुनील कुमार आदिवासी ने प्रदेश सरकार से तत्काल कार्रवाई की माँग की:
1. दोषी पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाए।
2. मामले की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच हो, मजिस्ट्रेट जांच नहीं।
3. हिरन बैगा के परिवार को ₹1 करोड़ का मुआवजा और सरकारी नौकरी दी जाए।
4. फर्जी मुठभेड़ों पर रोक लगाई जाए और जिम्मेदार अधिकारियों को बर्खास्त किया जाए।
मंडला में उबाल, विरोध प्रदर्शन की तैयारी
इस घटना के बाद प्रदेशभर में विरोध प्रदर्शन की तैयारी की जा रही है। कांग्रेस समेत कई आदिवासी संगठनों ने भाजपा सरकार पर आदिवासियों के दमन का आरोप लगाते हुए सड़क पर उतरने की चेतावनी दी है।
मंडला फर्जी मुठभेड़ पर बवाल: हिरन बैगा की हत्या को लेकर भाजपा सरकार पर गरजे कांग्रेस नेता
