जांच एजेंसियों के छापों से सामने आ रहा भाजपा राज का भ्रष्टाचार : संगीता शर्मा

कांग्रेस प्रवक्ता बोली, पूर्व परिवहन मंत्री भूपेंद्र सिंह और खाद्य मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के संपत्ति की हो जांच*

*लोकायुक्त को लिखा पत्र, मध्यप्रदेश भ्रष्टाचार और घोटालों की खदान, बड़े अफसरों, बिल्डरों और मंत्रियों – नेताओं के घर भी पड़े छापे*

*भोपाल।* प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुश्री संगीता शर्मा ने कहा है कि आयकर विभाग और लोकायुक्त की कार्रवाई से मध्यप्रदेश सरकार में नेताओं, अफसरों और दलालों के संगठित भ्रष्टाचार उजागर हो रहे हैं। सुश्री शर्मा ने कहा कि भाजपा सरकार के साढ़े 19 साल के कार्यकाल में पूरे राज्य का विकास का ढांचा चरमरा गया है। विकास के नाम पर फर्जी कागजी आंकड़े पेश करने में माहिर भाजपा सरकार के नेताओं और अफसरों के गठजोड़ ने राज्य की जनता को कम से कम 50 साल पीछे धकेल दिया है। कांग्रेस प्रवक्ता सुश्री शर्मा ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार भाजपा राज में अफसरों और भाजपा नेताओं का ऐसा सुनियोजित भ्रष्ट्राचार व्यापक स्तर पर देखने को मिला है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि न खाऊंगा न खाने दूँगा का राग अलापने वाले 56 इंची सीने वाले प्रधानमंत्री को मध्यप्रदेश के सुनियोजित भ्रष्ट्राचार पर 6 बाते भी नहीं बोल पा रहे हैं, कार्रवाई करना तो दूर की बात है? सुश्री शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव और भाजपा नेताओं को सांप सूंघ गया है कि जांच एजेंसी के छापे से सरकार का भ्रष्टाचार उजागर हो रहा है। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा है कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव राम राज्य की बात करते है यदि मध्यप्रदेश में थोड़ा भी राम राज्य होता तो परिवहन आरक्षक सौरभ शर्मा और बिल्डर राजेश शर्मा जैसे लोगों के हिस्सेदारों और इस तरह के अन्य कई बिल्डरों की संपत्ति की जांच किसी एजेंसी से कराकर भ्रष्टाचार के गठजोड़ को तोड़ते !
सुश्री संगीता शर्मा ने आगे कहा कि भोपाल में इनकम टैक्स और लोकायुक्त की छापेमारी में दोनों जगह मिली अकूत संपत्ति में परिवहन का नाम सामने आया है। इसके अलावा पूर्व मुख्य सचिव और पूर्व मंत्रियों की जुगलबंदी यह बता रही है कि सब मिलकर मध्यप्रदेश को किस प्रकार से दीमक की तरह खोखला कर रहे हैं।

*निष्पक्षता से पूर्व परिवहन मंत्रियों की संपत्ति भी जांचें लोकायुक्त:*

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुश्री संगीता शर्मा ने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव और मध्यप्रदेश के डीजी लोकायुक्त को पत्र लिखकर पूर्व परिवहन आरक्षक सौरभ शर्मा को समय से पूर्व नियम विरुद्ध वीआरएस देने वाले परिवहन विभाग के तत्कालीन परिवहन मंत्री और परिवहन आयुक्त तथा अन्य परिवहन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने और उन पर भी एफआईआर दर्ज करने की मांग करते हुए पूर्व परिवहन मंत्री भूपेंद्र सिंह, पूर्व परिवहन मंत्री एवं वर्तमान खाद्य मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, वर्तमान परिवहन मंत्री राव उदय प्रताप सिंह तथा परिवहन विभाग के पूर्व तथा वर्तमान आयुक्त की संपत्ति तथा इनके द्वारा तत्समय लिए गए निर्णय की भी उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है। सुश्री संगीता शर्मा ने कहा है कि ट्रांसपोटर्स और व्यापारियों की गाढ़ी कमाई को अपनी बपौती समझने वाले इन भ्रष्ट नेताओं और अधिकारियों तथा कर्मचारियों पर ऐसी कड़ी कार्रवाई करने की जरूरत है ताकि फिर कोई सौरभ शर्मा न बने तथा सरकारी भ्रष्टाचार पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की कार्रवाई आने वाले कल के लिए एक नजीर बने।

*जांच एजेंसियों के अफसर लीपापोती न करें:*

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुश्री संगीता शर्मा ने कहा कि जांच एजेंसी लोकायुक्त और आयकर विभाग के अधिकारियों को इस मामले में बिल्कुल भी किसी तरह की कोताही या किसी राजनीतिक दवाब में लीपापोती नहीं करने की जरूरत बताते हुए कहा कि भोपाल के मेंडोरी में एक फार्म हाउस के अंदर खड़ी कार से 54 किलो सोना और 9.86 करोड़ रुपए नकदी मिलने की उच्च स्तर पर निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए क्योंकि आयकर विभाग की टीम उक्त फॉर्म हाउस से गुजर नहीं रही थी बल्कि पूरी तरह इनपुट मिलने के बाद पहुंची थी, इसलिए आयकर विभाग को पता है कि उक्त सोना और रुपया किसका है। इसलिए मीडिया में उनके नाम उजागर करने की जगह लावारिस कहना ठीक नहीं है ? आयकर की टीम या लोकायुक्त को कुछ तो जानकारी होगी कि बरामद सोना और नकदी आखिर है किसकी ? इसलिए जांच एजेंसी मामले की निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई करें।

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