भोजपुर। भोजपुर जिले में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां दहेज हत्या का आरोप झेल रहे पति और ससुर को चार साल बाद राहत मिली है। धर्मशीला देवी, जिसे मृत मानकर हत्या का केस दर्ज किया गया था, अब मीरगंज से जीवित बरामद की गई है। इस खुलासे ने चार साल पुराने मामले का पटाक्षेप कर दिया है, जिसमें उसके पति दीपक सिंह और ससुर प्रमोद सिंह को जेल भेजा गया था।
दहेज हत्या का झूठा आरोप, तीन साल जेल में बिताए
धर्मशीला की शादी 2015 में दीपक सिंह से हुई थी। शादी के कुछ ही महीनों बाद वह अपने मायके चली गई, जहां उसकी मां का निधन हो गया। इसके बाद वह अपने पिता अवध बिहारी सिंह के साथ रहने लगी। धर्मशीला ने पुलिस को बताया कि उसके पिता ने उसका शोषण करने की कोशिश की, जिससे परेशान होकर उसने घर छोड़ दिया था।
29 अक्टूबर 2020 को धर्मशीला के पिता ने चौरी थाने में दहेज हत्या की एफआईआर दर्ज करवाई। उन्होंने नदी किनारे मिले एक अज्ञात महिला के शव की पहचान अपनी बेटी के रूप में की और उसके पति, ससुर और भैंसुर रवि शंकर को गिरफ्तार करवा दिया। इन तीनों ने ढाई से तीन साल जेल में बिताए और बाद में जमानत पर रिहा हुए।
नए परिवार के साथ नई शुरुआत
पुलिस के अनुसार, घर छोड़ने के बाद धर्मशीला आत्महत्या करने के लिए ट्रेन के आगे कूदने जा रही थी, लेकिन आरा के मीरगंज निवासी अजय कुमार ने उसकी जान बचा ली। इसके बाद दोनों ने शादी कर ली और अब उनके दो बच्चे हैं। अजय पेशे से ऑटो चालक हैं, और धर्मशीला अब उनके साथ रहना चाहती है।
कानूनी प्रक्रिया और न्याय की उम्मीद
धर्मशीला के जीवित मिलने के बाद पुलिस उसे कोर्ट में पेश कर बयान दर्ज करेगी। इस मामले से जुड़े सभी कानूनी पहलुओं पर गौर करते हुए आगे की कार्रवाई की जाएगी, जिससे निर्दोष लोगों को न्याय मिल सके।
निष्कर्ष
इस मामले ने पुलिस जांच और पहचान प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं, जहां निर्दोषों को सजा भुगतनी पड़ी। धर्मशीला के मिलने से जहां न्याय की उम्मीद जागी है, वहीं यह घटना झूठे मामलों से जुड़े जोखिमों को भी उजागर करती है।