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गोहद : गली मोहल्लों में खुलेआम बिक रहा मौत का नशा: पुलिस कार्रवाई में नाकाम, ड्रग्स के बड़े सरगना पहुंच से दूर

रिपोर्टर : पुखराज भटेले
गोहद, भिंड । शहर इन दिनों खतरनाक नशे की गिरफ्त में है, जहां युवाओं को मौत का नशा खुलेआम परोसा जा रहा है। स्मैक और गांजा जैसे खतरनाक नशे गली मोहल्लों में बेखौफ बेचे जा रहे हैं। पुलिस के पास कई बार शिकायतें दर्ज की गई हैं, लेकिन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जाती है। इस नशे के कारोबार में लिप्त असली अपराधियों तक पहुंचने में पुलिस नाकाम रही है।

नशे का बढ़ता जाल

शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों जैसे बिरखड़ी, छीमका, बूटीकुईगा, तेहरा, पिपाहड़ी, चितौरा और अन्य गांवों के युवा भी इस मौत के नशे की चपेट में आ चुके हैं। पुलिस और राजनेताओं के संरक्षण में नशे के सौदागर मौत बेच रहे हैं, जिनकी गिरफ्त में 10 साल के बच्चे से लेकर 40 साल के युवा तक शामिल हैं। इस जहरीले नशे के कारण नगर में करीब एक दर्जन मौतें हो चुकी हैं, जिनका रिकॉर्ड न तो पुलिस के पास है और न ही सरकार के पास।

स्मैक की बढ़ती संख्या

शहर में स्मैक का नशा तेजी से बढ़ रहा है। पहले जहां स्मैक पीने वालों की संख्या कम थी, वहीं अब हर गली-मोहल्ले में नशे के आदी लोग मिल जाएंगे। स्मैक की छोटी सी पुड़िया 500 से 1000 रुपए तक में बिकती है, जो नशे के असर के हिसाब से कीमत पर निर्भर होती है।

समाज पर असर

मुकेश शर्मा, बिरखड़ी के एक ग्रामीण ने कहा, “स्मैक की वजह से लोग अपना मानसिक संतुलन खो देते हैं और अपनी लत पूरी करने के लिए संगीन अपराध करने से भी नहीं हिचकिचाते। गांव में कई युवा इसका सेवन कर रहे हैं, जो समाज के लिए घातक है।”

स्थानीय निवासियों की राय

राजेश नागर, एक स्थानीय निवासी ने कहा, “गोहद नगर में खुलेआम गलियों में स्मैक बेची जा रही है। थाना प्रभारी का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। कई युवा इसकी गिरफ्त में फंस चुके हैं, जिससे कई परिवार आर्थिक और मानसिक रूप से बर्बाद हो चुके हैं।”

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