भोपाल: मध्य प्रदेश राज्य पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम, कोटरा सुल्तानाबाद रोड पर एक विधवा बहन का अनोखा प्रदर्शन चर्चा का विषय बन गया है। बारिश में भीगते हुए बैनर के साथ प्रदर्शन कर रही नीना श्रीवास्तव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि अधिकारियों ने आदेश के बावजूद उनके मामले को दबा दिया है।
नीना श्रीवास्तव, जो पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और अन्य अधिकारियों से इंसाफ की गुहार लगा रही हैं, ने कहा, “जब तक मुझे इंसाफ नहीं मिलेगा, मैं धरने पर बैठी रहूंगी। अगर मुझे कुछ होता है, तो इसकी जिम्मेदारी निगम के समस्त स्टाफ और अधिकारियों की होगी।”
मामले का सारांश:
नीना श्रीवास्तव 38 वर्षों की सेवा के बावजूद समयमान वेतनमान आदेश का इंतजार कर रही हैं। 10 मार्च 2017 को निगम की संचालक मंडल की 73वीं बैठक में सर्वसम्मति से अनुमोदन प्राप्त हुआ, लेकिन 10 अप्रैल 2017 से आदेश नस्ती विभागों में अटका हुआ है।
नीना श्रीवास्तव का कहना है, “मुझे किसी भी प्रकार का प्रमोशन नहीं मिला। मैंने अपने बच्चों को भगवान का प्रसाद समझकर पाल-पोस कर बड़ा किया है, और कभी भी रिश्वत या कमीशन का लालच नहीं पाला।”
उन्होंने आगे कहा, “मैं लाडली विधवा बहन भीख मांगती हूं कि जिस तरह लाडली बहनों को 1000 रुपये दिए गए, उसी प्रकार समयमान वेतनमान का आदेश मुझे भी दिया जाए। मेरे भाई, कृपया जांच करवाएं कि 10 अप्रैल 2017 से निगम की कोई नस्ती स्वीकृत क्यों नहीं हुई है, और यदि हुई है, तो समयमान वेतनमान की नस्ती अब तक क्यों लंबित है।”
नीना श्रीवास्तव का आमरण अनशन तब तक जारी रहेगा जब तक उन्हें न्याय नहीं मिल जाता। उनकी गुहार ने भोपाल के लोगों और मीडिया का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है।