भोपाल । मध्यप्रदेश के संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण (संविदा कर्मचारी नियमितीकरण) और 22 जुलाई 2023 को लागू की गई नई संविदा नीति 2023 में संशोधन की मांग को लेकर आंदोलन तेज हो गया है। इसी क्रम में मध्यप्रदेश संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने आज राजपत्रित कर्मचारी संघ के प्रांतीय सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे मुख्यमंत्री मोहन यादव का माला पहनाकर स्वागत किया और उन्हें संविदा कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर 9 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा।
रमेश राठौर ने मुख्यमंत्री मोहन यादव को अवगत कराया कि देश के विभिन्न राज्यों के संविदा कर्मचारियों ने अपने नियमितीकरण की लड़ाई सुप्रीम कोर्ट तक लड़ी थी, जिसके बाद सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश दिया कि जो संविदा कर्मचारी 10 वर्षों से सेवाएं दे रहे हैं, उनका नियमितीकरण किया जाए। उन्होंने मांग की कि मध्यप्रदेश में भी सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को लागू किया जाए ताकि वर्षों से कार्यरत संविदा कर्मचारियों को भी नियमित कर्मचारियों के समान वेतन, भत्ते और अन्य सुविधाएं मिल सकें।
संविदा नीति 2023 में विसंगतियां
राठौर ने यह भी बताया कि सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 22 जुलाई 2023 को जारी की गई संविदा नीति में कई गंभीर विसंगतियां हैं:
वेतन विसंगति: लंबे समय से कार्यरत संविदा कर्मचारी और नए नियुक्त कर्मचारियों को समान वेतन दिया जा रहा है, जिससे वरिष्ठ संविदा कर्मियों के हित प्रभावित हो रहे हैं।
आरक्षण में धोखा: पूर्व में संविदा कर्मचारियों को नियमित भर्ती में 20 प्रतिशत आरक्षण मिलता था। नई नीति में इसे 50 प्रतिशत बताया गया है, लेकिन एक शर्त जोड़ दी गई है कि आरक्षण केवल उन्हीं विभागों में मिलेगा जहां संविदा पद स्वीकृत हैं। नतीजतन, 90 प्रतिशत विभागों और निगम-मंडलों में संविदा कर्मचारियों को शून्य प्रतिशत आरक्षण मिल रहा है।
पे-ग्रेड में कमी: नई नीति के चलते कई पदों के पे-ग्रेड और लेवल घटा दिए गए हैं, जिससे संविदा कर्मचारियों का वेतन बढ़ने के बजाय घट गया है।
महंगाई भत्ते में बदलाव: पहले महंगाई भत्ता अलग से मिलता था, अब उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के हिसाब से वेतन निर्धारण किया जा रहा है, जिससे वास्तविक वेतन में कमी आई है।
वरिष्ठता के आधार पर नियमितीकरण की मांग: महासंघ का कहना है कि संविदा कर्मचारी पहले से लिखित परीक्षा पास कर चुके हैं, इसलिए उनकी नियुक्ति के लिए पुनः परीक्षा कराने के बजाय सीधी वरिष्ठता के आधार पर नियमितीकरण किया जाए।
मुख्यमंत्री की घोषणाएं
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने नियमित सरकारी सेवकों के महंगाई भत्ते में 5 प्रतिशत की वृद्धि करने की भी घोषणा की, जिससे राज्य के हजारों कर्मचारियों को राहत मिली है।
संविदा कर्मचारियों का आग्रह
महासंघ ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि वे संविदा कर्मचारियों की समस्याओं का शीघ्र समाधान करें और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुरूप मध्यप्रदेश में भी संविदा कर्मचारियों का शीघ्र नियमितीकरण सुनिश्चित करें।
मध्यप्रदेश में संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण और संविदा नीति 2023 में संशोधन की मांग तेज, मुख्यमंत्री को सौंपा गया 9 सूत्रीय ज्ञापन
