मध्य प्रदेश में सरकारी विभागों के 1 लाख रिक्त पदों पर नियमितीकरण।
स्थाई और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के अधिकार।
मुख्यमंत्री को मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच का पत्र।
सीधी भर्ती के विरोध में कर्मचारी मंच का आंदोलन।
उच्च न्यायालय में याचिका दायर करने की चेतावनी।
भोपाल। मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखते हुए मांग की है कि राज्य के सरकारी विभागों में एक लाख रिक्त पदों पर स्थाई कर्मियों और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को नियमित किया जाए।
मंच के प्रांताध्यक्ष अशोक पांडे ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि राज्य सरकार वर्तमान में इन पदों पर सीधी भर्ती कर रही है, जो सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन है। न्यायालय के अनुसार, विभागों में कार्यरत स्थाई और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को पहले नियमित किया जाना चाहिए।
रिक्त पदों पर सीधी भर्ती का विरोध
अशोक पांडे ने बताया कि सरकार द्वारा सीधी भर्ती के विज्ञापन जारी करना उन कर्मचारियों के अधिकारों का हनन है, जो वर्षों से सरकारी विभागों में काम कर रहे हैं।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने रिक्त पदों पर इन्हीं कर्मचारियों को नियमित करने का फैसला नहीं लिया, तो कर्मचारी मंच:
उच्च न्यायालय में याचिका दायर करेगा।
प्रांतव्यापी आंदोलन की शुरुआत करेगा।
स्थाई और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की मांग
मध्य प्रदेश के सरकारी विभागों में 1 लाख से अधिक पद रिक्त हैं। कर्मचारी मंच ने इन पदों पर बाहरी भर्तियों की बजाय, पहले से काम कर रहे कर्मचारियों को प्राथमिकता देने की मांग की है।
कर्मचारी मंच ने सरकार से अपील की है कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए, विभागों में वर्षों से कार्यरत स्थाई और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को नियमित किया जाए। अन्यथा, सरकार को कानूनी और जनआंदोलन का सामना करना पड़ सकता है।