भोपाल में कर्मचारियों का प्रदर्शन: दीपावली से पहले 20 सूत्रीय मांगों को लेकर मंत्रालय तक रैली

भोपाल। मध्य प्रदेश संयुक्त मोर्चा के आव्हान पर 20 से अधिक कर्मचारी संगठनों ने अपनी मांगों को लेकर सतपुड़ा भवन से मंत्रालय और विंध्याचल तक रैली निकालकर आंदोलन की शुरुआत की। इस प्रदर्शन में संविदा, दैनिक वेतनभोगी, स्थाई और नियमित कर्मचारियों ने भाग लिया। प्रदर्शनकारियों ने दीपावली से पहले सभी संवर्गों की मांगों को पूरा करने की अपील की।

प्रमुख मांगें:

1. संविदा और दैनिक वेतनभोगी कर्मियों का नियमितीकरण।

2. नियमित कर्मचारियों को केंद्र के समान डीए (महंगाई भत्ता) और एरियर्स।

3. लिपिक एवं डाटा एंट्री ऑपरेटर के वेतनमान को मंत्रालय के कर्मचारियों के समान 2400 ग्रेड पे में संशोधित करना।

4. सभी रिक्त पदों पर स्थाई नियुक्तियों को भरना और पदोन्नति की प्रक्रिया को तेज करना।

प्रदर्शन में प्रमुख नेताओं की भागीदारी:

इस प्रदर्शन में लघुवेतन कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र शर्मा, संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के अध्यक्ष रमेश राठौर, लिपिक वर्गीय संगठन के एम.पी. द्विवेदी, और राज्य कर्मचारी संघ के अध्यक्ष हेमंत श्रीवास्तव ने नेतृत्व किया।
इसके अलावा तृतीय वर्ग के मोहन अय्यर, विजय मिश्रा, निगम मंडल समन्वय कर्मचारी महासंघ के अजय श्रीवास्तव और अनिल वाजपेई, शिक्षक कांग्रेस के सतीश शर्मा, और शासकीय शिक्षक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष उपेंद्र कौशल भी शामिल रहे।

सरकार से मांगें:

प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने दीपावली से पहले सभी मांगों को पूरा करने की मांग की और चेतावनी दी कि यदि मांगे नहीं मानी गईं, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। इस रैली में भोपाल के विभिन्न विभागों के अधिकारी और कर्मचारी बड़ी संख्या में शामिल हुए।

निष्कर्ष:
यह प्रदर्शन सरकार के लिए एक कड़ा संदेश है कि यदि उनकी मांगें समय पर पूरी नहीं की गईं, तो कर्मचारी वर्ग अपने आंदोलन को व्यापक रूप से फैलाएगा।

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