भोपाल: नंदीश्वर जिनालय में आचार्य विनम्र सागर महाराज के सान्निध्य में आयोजित पूजा प्रशिक्षण शिविर के दौरान श्रद्धालु प्रभु की भक्ति में डूबे नजर आए। जिनालय परिसर में विशेष पांडुक शिला पर विराजमान भगवान जिनेन्द्र की भव्य आराधना की गई, जहां भक्तों ने अष्ट द्रव्य से प्रभु के अनंत गुणों की स्तुति की और अपनी धार्मिक शंकाओं का समाधान आचार्यश्री के समक्ष किया।
मंदिर समिति के अध्यक्ष प्रमोद चौधरी और महामंत्री पंकज इंजीनियर ने बताया कि इस अवसर पर भक्तों ने संगीतमय भजनों के माध्यम से भगवान जिनेन्द्र की स्तुति की और भक्ति-भाव में झूम उठे। संगीत की मधुर स्वर लहरियों के साथ भक्तों ने पांडुक शिला पर विराजमान प्रभु की आराधना करते हुए आशीर्वाद प्राप्त किया। आचार्य विनम्र सागर महाराज ने अपने प्रवचनों में कहा, “सच्ची भक्ति वही है, जब सांसें भी रुक जाएं, तब भी केवल प्रभु की आराधना में मन रमा रहे। श्रद्धा और एकाग्रता के साथ की गई भक्ति से ही सच्ची आत्मशांति प्राप्त होती है।”
पूजन शिविर का संचालन डॉक्टर सर्वज्ञ ने किया, और इस दौरान श्रद्धालुओं में विशेष उत्साह देखा गया।
### **पिपलानी जिनालय से निकलेगी भव्य शोभायात्रा:**
पिपलानी जिनालय समिति के राजू गोयल और प्रदीप हरसोला ने जानकारी देते हुए बताया कि आज प्रातः 9 बजे पिपलानी जिनालय से भव्य शोभायात्रा निकलेगी। शोभायात्रा के दौरान भगवान जिनेन्द्र का रथ श्रद्धा और भक्ति का मुख्य केंद्र रहेगा, जिसमें समाज के सैकड़ों श्रद्धालु भाग लेंगे। इस अवसर पर आर्यिका अकलंक मति और आर्यिका सिद्ध मति जी के सान्निध्य में मुलनायक आदिनाथ स्वामी का विशेष अभिषेक और अनुष्ठान भी होंगे। शोभायात्रा के बाद सामूहिक क्षमा वाणी का आयोजन भी किया जाएगा, जिसमें श्रद्धालु परस्पर क्षमा याचना करेंगे।
### **जिनालय में पांडुक शिला का महत्व:**
जिनालय परिसर में विशेष रूप से बनाई गई पांडुक शिला पर भगवान जिनेन्द्र की प्रतिमा को विराजमान किया गया है, जहां श्रद्धालु भक्ति भाव से अष्ट द्रव्य चढ़ाकर प्रभु के अनंत गुणों की आराधना करते हैं। पांडुक शिला का निर्माण और इसकी आराधना जैन धर्म में अत्यधिक महत्व रखती है, क्योंकि इसे प्रभु की भक्ति का प्रमुख स्थल माना जाता है।
### **आज शोभायात्रा में विशेष आकर्षण:**
पिपलानी जिनालय से निकलने वाली भव्य शोभायात्रा में भगवान जिनेन्द्र का रथ और विभिन्न धार्मिक झांकियां मुख्य आकर्षण होंगी। जैन समाज प्रवक्ता अंशुल जैन ने बताया कि इस शोभायात्रा में सैकड़ों श्रद्धालु पारंपरिक वेशभूषा में शामिल होंगे और विभिन्न स्थानों पर भगवान जिनेन्द्र की आरती की जाएगी।
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