धृति” पहल: पुलिस परिवारों की महिलाओं के सशक्तिकरण की मिसाल

भोपाल। पुलिस परिवारों की महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की दिशा में भोपाल स्थित 25वीं वाहिनी विसबल में “धृति” पुलिस कल्याण केंद्र की शुरुआत की गई। इस पहल का उद्घाटन धृति की अध्यक्ष श्रीमती प्रियम्वदा सक्सेना ने किया। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने महिलाओं के संघर्ष और आत्मनिर्भरता की प्रेरक कहानियों पर आधारित कॉफी टेबल बुक का विमोचन भी किया।

महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की पहल

“धृति” का उद्देश्य पुलिस परिवारों की महिलाओं को उनके हस्तनिर्मित उत्पादों के प्रदर्शन और विपणन के लिए एक मंच प्रदान करना है। यह पहल महिलाओं को न केवल आर्थिक स्वतंत्रता दिला रही है, बल्कि सामाजिक स्तर पर भी उन्हें सशक्त बना रही है। प्रदर्शनी में महिलाओं द्वारा बनाए गए 200 से अधिक उत्पादों को प्रदर्शित किया गया, जिनकी लगातार बढ़ती मांग उनकी मेहनत और हुनर का प्रमाण है।

अधिकारियों की सराहना

कार्यक्रम में उपस्थित डीआईजी कृष्णवेणी देसावतु और अन्य अधिकारियों ने “धृति” को महिलाओं के कल्याण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने इस पहल को और आगे बढ़ाने का आश्वासन भी दिया।

महिलाओं की बहुआयामी भागीदारी

इस मौके पर श्रीमती प्रियम्वदा सक्सेना ने कहा, “धृति ने महिलाओं को सिलाई, पेंटिंग, डांस और योग जैसे क्षेत्रों में अपनी पहचान बनाने का अवसर दिया है।” यह पहल महिलाओं को उनके कौशल का पूरा उपयोग करने का मौका देती है, जिससे वे अपने परिवार और समाज में सकारात्मक बदलाव ला रही हैं।

“धृति” का असर

“धृति” ने पुलिस परिवारों की महिलाओं को घर की चारदीवारी से बाहर निकलने और अपने हुनर के जरिए आत्मनिर्भर बनने का नया अवसर दिया है। इस पहल ने महिलाओं को आत्मसम्मान और आर्थिक स्थिरता की ओर प्रेरित किया है।

निष्कर्षतः, “धृति” एक ऐसी पहल है जो न केवल महिलाओं के जीवन में बदलाव ला रही है, बल्कि पुलिस परिवारों के बीच एक नई उम्मीद जगा रही है।

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