भोपाल की अरेरा कॉलोनी में अवैध निर्माण और भू-उपयोग परिवर्तन पर विवाद: रहवासियों ने उठाई आपत्ति

भोपाल, । मध्य प्रदेश के नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को अरेरा कॉलोनी के रहवासियों ने शिकायत पत्र भेजकर आवासीय क्षेत्रों में अवैध निर्माण और भू-उपयोग परिवर्तन पर तत्काल कार्रवाई की मांग की है। रहवासियों का आरोप है कि नगर निगम भोपाल की नीतियों से अवैध व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा मिल रहा है, जिससे क्षेत्र का पर्यावरण और जीवन स्तर प्रभावित हो रहा है।

लैंड यूज़ परिवर्तन से बढ़ रही है चिंता

अरेरा कॉलोनी के निवासियों का कहना है कि नगर निगम द्वारा 10 नंबर मार्केट में मल्टीलेवल पार्किंग के लिए लैंड यूज़ परिवर्तन का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसी के साथ कॉलोनी के अन्य हिस्सों में भी आवासीय भूमि पर व्यावसायिक गतिविधियों को वैध बनाने की योजना से लोग नाराज हैं। इस फैसले को लेकर स्थानीय लोगों ने आशंका जताई है कि इससे भू-माफियाओं को फायदा मिलेगा और अवैध निर्माण वैध हो जाएंगे।

रहवासियों के प्रमुख आरोप और आपत्तियां

1. आवासीय क्षेत्र पर खतरा: अरेरा कॉलोनी, चार इमली और श्यामला हिल्स 1970 से ही आवासीय क्षेत्र रहे हैं। मास्टर प्लान 1991, 2005 और BDP 2031 में भी इन क्षेत्रों को आवासीय घोषित किया गया है। बढ़ती व्यावसायिक गतिविधियों से अधोसंरचना पर दबाव बढ़ेगा, जिससे क्षेत्र की जीवन गुणवत्ता और पर्यावरण प्रभावित होगा।


2. अवैध निर्माणों का बढ़ावा: रहवासियों का आरोप है कि नगर निगम ने पिछले कुछ वर्षों में आवासीय भूखंडों पर नियमों के खिलाफ बड़े-बड़े व्यावसायिक हॉल बनाने की अनुमति दी है। इनमें टॉयलेट और किचन जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं। इन अवैध भवनों को बिल्डिंग कम्प्लीशन सर्टिफिकेट भी नहीं दिया गया है, जो स्पष्ट रूप से नियमों का उल्लंघन है।


3. मल्टीलेवल पार्किंग की आड़ में व्यावसायीकरण: रहवासियों का कहना है कि बिना लैंड यूज़ परिवर्तन के भी मल्टीलेवल पार्किंग बनाई जा सकती है। लेकिन निगम इस प्रक्रिया का इस्तेमाल अवैध निर्माणों को वैध बनाने के लिए कर रहा है। 10 नंबर मार्केट के जिस भूखंड पर पार्किंग बनाने की योजना है, वहां 20 फुट चौड़ा नाला है, जहां निर्माण की अनुमति नहीं दी जा सकती।


4. वैध व्यावसायिक परिसरों पर असर: अवैध व्यावसायिक निर्माणों के कारण शहर के वैध व्यावसायिक परिसरों में दुकानों की मांग कम हो रही है। मानसरोवर प्लाजा, मेट्रो वॉक और मेट्रो प्लाजा जैसी जगहों पर कई दुकानें खाली पड़ी हैं।


5. भेदभावपूर्ण नीति: रहवासियों का आरोप है कि चार इमली में प्रभावशाली लोग रहते हैं, इसलिए वहां आवासीय लैंड यूज़ में कोई बदलाव नहीं हुआ। लेकिन अरेरा कॉलोनी में रहवासियों के हितों को नजरअंदाज किया जा रहा है।


6. राज्य सरकार की पूर्व आपत्ति: मार्च 2023 में राज्य सरकार ने इसी तरह के लैंड यूज़ परिवर्तन प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। ऐसे में अब इस प्रस्ताव को दोबारा लाने को नियमों का उल्लंघन माना जा रहा है।


7. रहवासी क्षेत्र का व्यावसायीकरण: रहवासियों ने चेतावनी दी है कि यदि भू-उपयोग परिवर्तन को मंजूरी मिली, तो अरेरा कॉलोनी बैरागढ़ और चौक बाजार जैसे भीड़भाड़ वाले व्यावसायिक क्षेत्र में बदल जाएगी। इससे वायु प्रदूषण, ट्रैफिक जाम, ध्वनि प्रदूषण और जल निकासी की समस्याएं बढ़ेंगी, जिससे जीवन स्तर में गिरावट आएगी।



रहवासियों की मांग

रहवासियों ने मांग की है कि नगर निगम और जिला प्रशासन अवैध निर्माणों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें और लैंड यूज़ परिवर्तन के प्रस्ताव को तत्काल प्रभाव से रद्द करें। उनका कहना है कि यदि आवासीय क्षेत्रों में व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा मिला, तो मास्टर प्लान का महत्व समाप्त हो जाएगा और पूरे शहर का नियोजित विकास बाधित होगा।

मंत्री कैलाश विजयवर्गीय से निवेदन किया गया है कि अरेरा कॉलोनी के रहवासियों के हितों को प्राथमिकता दी जाए और अवैध गतिविधियों पर रोक लगाई जाए।

निष्कर्ष: अरेरा कॉलोनी में भू-उपयोग परिवर्तन के इस प्रस्ताव ने नगर निगम की नीतियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। रहवासियों का मानना है कि प्रशासन को नियोजित विकास के सिद्धांतों का पालन करना चाहिए और आवासीय क्षेत्रों को अव्यवस्थित होने से बचाना चाहिए।

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