बचाव के लिए अपनाएं ये तरीके
नई दिल्ली । मौसम बदलने के साथ ही 40 से 60 साल के लोगों में डायवर्टिकुलाइटिस की समस्याएं होना आम बात है। डायवर्टिकुलाइटिस को पेट की समस्या से जोड़कर देखा जाता है।ज्यादातर लोग ऐसे होते हैं जिन्हें किसी तरह का उपचार लेने की जरूरत नहीं पड़ती है और उनका डायवर्टिकुलाइटिस ठीक हो जाती है। कई लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें एंटीबायोटिक दवाओं का भी कोई असर नहीं होता है।ऐसे में कुछ घरेलू तरीकों से राहत पाई जा सकती है। अध्ययन के मुताबिक जब कभी भी पेट से जुड़ी समस्याएं होती हैं तो डॉक्टर्स भी लिक्विड फूड खाने की सलाह देते हैं।तरल पदार्थों का सेवन करने से पाचन तंत्र को आराम मिलता है और डाइजेस्टिव सिस्टम भी अच्छा चलता है।
तरल आहार को आप खिचड़ी के रूप में, सूप में , दलिया में या और भी कई तरह से लिक्विड फूड का इस्तेमाल कर सकते हैं।डायवर्टिकुलाइटिस की समस्या से बचने के लिए आप हर दिन 20 से 25 ग्राम फाइबर युक्त चीजें खाएं।इससे आपका पाचन तंत्र दुरुस्त होगा और इसके साथ ही डायवर्टिकुलाइटिस जैसे रोग से निजात मिलेगी।प्रत्येक घर में दूध दही का होना आम बात है।आपके किचन में रखा दूध दही आपको डायवर्टिकुलाइटिस जैसी समस्या से निजात दिला सकता है।क्योंकि दही पेट के लिए फायदेमंद होता है और दूध आहार का काम करता है।एलोवेरा का सेवन स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है।यहां तक कि अगर कॉन्स्टिपेशन की समस्या है तो वह भी एलोवेरा के सेवन से दूर हो सकती है।
डायवर्टिकुलाइटिस में पेट में क्रैम्प्स या दर्द को एलोवेरा जूस से कम किया जा सकता है। बता दें कि बदलते मौसम में बीमारियों का प्रकोप बढ़ जाता है. डायवर्टिकुलाइटिस भी एक ऐसी बीमारी है, जो मौसम के बदलने से होती है. इससे पेट दर्द होने लगता है और कई तरह की समस्याएं आने लगती है।इसका जुड़ाव खान-पान से भी माना जाता है।