रीवा में आयोजित राष्ट्रीय प्रशिक्षण सत्र में बाल चिकित्सा ऑन्कोलॉजी पर विशेषज्ञ प्रशिक्षण
भोपाल। एम्स भोपाल के अतिरिक्त प्रोफेसर एवं पीडियाट्रिक हेमेटोलॉजिस्ट-ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. नरेंद्र चौधरी ने हाल ही में श्याम शाह मेडिकल कॉलेज, रीवा में राष्ट्रीय प्रशिक्षण परियोजना (नेशनल ट्रेनिंग प्रोजेक्ट) के तहत बाल रोग विशेषज्ञों को विशेष प्रशिक्षण दिया। इस सत्र में मस्तिष्क ट्यूमर, छाती में गांठ (चेस्ट मास्सेस) और बच्चों में कैंसर के दौरान रक्त आधान (ब्लड ट्रांसफ्यूजन) से जुड़ी भ्रांतियों और तथ्यों पर गहन चर्चा की गई।
प्रारंभिक निदान और समय पर रेफरल से बच्चों में कैंसर के बेहतर उपचार की संभावना बढ़ती है। मस्तिष्क ट्यूमर के उपचार में बाल चिकित्सा ऑन्कोलॉजिस्ट, विकिरण ऑन्कोलॉजिस्ट और न्यूरोसर्जनों के बीच समन्वय बेहद जरूरी। कुछ ट्यूमर, जैसे कि जर्म सेल ट्यूमर, उपयुक्त कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी से बिना सर्जरी के भी ठीक हो सकते हैं। सर्जरी और कीमोथेरेपी के सही संयोजन से कैंसर उपचार की सफलता दर बढ़ सकती है।
प्रशिक्षण सत्र में इंटरएक्टिव ऑनलाइन क्विज
प्रशिक्षण में 50 से अधिक डॉक्टरों ने भाग लिया, जिससे बाल चिकित्सा ऑन्कोलॉजी के क्षेत्र में उनके ज्ञान और कौशल को बढ़ावा मिला। गेम-आधारित ऑनलाइन क्विज को शामिल किया गया, जिसे प्रतिभागियों ने काफी सराहा।
एम्स भोपाल चिकित्सा शिक्षा और जागरूकता को कर रहा मजबूत
एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने डॉ. नरेंद्र चौधरी के समर्पण और इस महत्वपूर्ण चिकित्सा प्रशिक्षण में योगदान के लिए उन्हें बधाई दी।
“ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम बाल चिकित्सा कैंसर देखभाल को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
एम्स भोपाल चिकित्सा शिक्षा और आउटरीच कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे स्वास्थ्य सेवा के मानकों में सुधार हो सके।” – प्रो. (डॉ.) अजय सिंह
इस तरह के प्रशिक्षण से बाल रोग विशेषज्ञों को नए शोध और आधुनिक उपचार पद्धतियों से अवगत कराने में मदद मिलती है, जिससे बच्चों में कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों के इलाज में सफलता दर बढ़ाई जा सकती है।
एम्स भोपाल के डॉ. नरेंद्र चौधरी ने राष्ट्रीय प्रशिक्षण परियोजना में बाल रोग विशेषज्ञों को किया प्रशिक्षित
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