घरेलू हिंसा के मामलों में रिश्तेदारों को घसीटना कानून का दुरुपयोग” – इलाहाबाद हाई कोर्ट की अहम टिप्पणी

प्रयागराज, : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने घरेलू हिंसा के मामलों में रिश्तेदारों को बेवजह शामिल करने पर सख्त टिप्पणी की है। कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि “कानूनी प्रावधानों का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए, खासकर जब ननद या अन्य रिश्तेदारों को बिना पर्याप्त साक्ष्य के आरोपित किया जाता है।”

क्या है मामला?

एक महिला ने अपने पति और ससुराल वालों के खिलाफ घरेलू हिंसा का मामला दर्ज कराया था, जिसमें उसकी ननद को भी आरोपी बनाया गया। ननद ने कोर्ट में याचिका दायर कर आरोपों को बेबुनियाद और प्रतिशोध की भावना से प्रेरित बताया।

हाई कोर्ट की अहम टिप्पणी

रिश्तेदारों को बिना ठोस आधार के मामलों में घसीटना कानून का दुरुपयोग है।

घरेलू हिंसा कानून महिला अधिकारों की रक्षा के लिए है, लेकिन इसका दुरुपयोग रोकना भी जरूरी है।

कोर्ट ने कहा कि ऐसे मामलों की गहन जांच होनी चाहिए ताकि निर्दोष लोगों को परेशान न किया जाए।


इस फैसले का असर

घरेलू हिंसा कानून के दुरुपयोग पर नियंत्रण होगा।
न्यायिक प्रक्रिया में सुधार होगा और केवल वास्तविक पीड़ितों को न्याय मिलेगा।
रिश्तेदारों को झूठे मामलों में फंसाने की प्रवृत्ति पर रोक लगेगी।

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